भूकंप से दहला ताइवान, 7.2 मापी गई तीव्रता, गगनचुंबी इमारतें झुकी

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प्रतिरूप फोटो
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रितिका कमठान । Apr 3 2024 10:01AM

भूकंप का झटका इतना तेज था कि हुलिएन के एक इलाके में स्थित पांच मंजिला इमारत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। भूकंप के कारण इसकी पहली मंजिल रह गई है। इमारत की बाकी मंजिलें झुक गई है। ताइपे में कंप के कारण पुरानी इमारतें और कुछ नए ऑफिस कैंपस में भी टाइल्स गिरने की जानकारी मिली है।

ताइवान में बड़ा भूकंप आया है। राजधानी ताइपे में बुधवार तीन अप्रैल को भूकंप के बड़े तेज झटके महसूस हुए है। रिक्टर स्केल पर इन भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई है। ये भूकंप इतना जबरदस्त था कि इसके झटकों के बाद कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। भूकंप के बाद सुनामी भी आ गई है। 

बता दें कि भूकंप का झटका इतना तेज था कि हुलिएन के एक इलाके में स्थित पांच मंजिला इमारत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। भूकंप के कारण इसकी पहली मंजिल रह गई है। इमारत की बाकी मंजिलें झुक गई है। वहीं ताइपे में आए इस भूकंप के कारण पुरानी इमारतें और कुछ नए ऑफिस कैंपस में भी टाइल्स गिरने की जानकारी मिली है। जोरदार भूकंप से बचने के लिए इतिहास के तौर पर छात्रों को स्कूल की प्लेग्राउंड में लेकर आया गया। छात्रों को हेलमेट भी पहनाए गए ताकि वह सुरक्षित रह सके।

जानकारी के मुताबिक पूरे द्वीप में ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया है। लोगों की सुरक्षा के लिए ताइपे में ‘सबवे’ सेवा अस्थायी रूप से बंद किया गया है। गौरतलब है कि 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इस भूकंप से राष्ट्रीय संसद भवन की दीवारों और छत को नुकसान पहुंचा है। देश का संसद भवन द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बनाए गए स्कूल में है। 

भूकंप के तेज़ झटके आने के बावजूद लोगों में थोड़ी-बहुत ही दहशत रही, क्योंकि इस देश में अक्सर भूकंप के झटके आते रहे हैं। स्कूल ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए अभ्यास आयोजित करते रहते हैं और लोगों को मीडिया तथा मोबाइल के जरिए नोटिस जारी किए जाते हैं। स्कूल और सरकारी कार्यालयों को छुट्टी का विकल्प दिया गया है। हुलिएन में हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है, जहां 2018 में भूकंप में एक ऐतिहासिक होटल और अन्य इमारतें गिर गई थीं। वहीं, जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि भूकंप के झटके के 15 मिनट बाद योनगुनी द्वीप पर 30 सेंटीमीटर (करीब एक फुट) ऊंची सुनामी की लहर देखी गई है। इशिगाकी और मियाको द्वीपों पर भी हल्की फुल्की लहरें देखी गईं।  

जापानी एजेंसी ने पहले कहा था कि सुनामी की वजह से समुद्र में तीन मीटर (9.8 फुट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं, लेकिन बाद में उसने इस चेतावनी को घटाकर करीब एक फुट तक कर दिया। जापान के आत्मरक्षा बलों ने ओकिनावा क्षेत्र के आसपास सुनामी के प्रभाव को लेकर जानकारी जुटाने के लिए विमान भेजे और जरूरत पड़ने पर लोगों को निकालने और उन्हें आश्रय देने की तैयारी शुरू कर दी। ताइवान की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई है। यहस्थानीय समयनुसार सुबह सात बजकर 58 मिनट पर आया और इसका केंद्र हुलिएन से दक्षिण दक्षिण पश्चिम में जमीन से करीब 35 किलोमीटर नीचे था। ताइवान के भूकंप निगरानी ब्यूरो के प्रमुख वू चिएन-फू के अनुसार, भूकंप के झटके चीन के अपतटीय क्षेत्र में स्थित ताइवानी-नियंत्रित द्वीप किनमेन तक महसूस किए गए। शुरुआती भूकंप आने के एक घंटे के दौरान ताइपे में भूकंप बाद के कई झटके महसूस किए गए। 

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप बाद के एक झटके की तीव्रता 6.5 थी और इसका केंद्र 11.8 किलोमीटर की गहराई में था। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने कहा कि जापान में जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। चीन ने अपनी मुख्य भूमि के लिए सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि हवाई या अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र गुआम में सुनामी का कोई खतरा नहीं है। ताइवान में हाल के वर्षों में 21 सितंबर 1999 को सबसे भीषण भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसमें 2400 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब एक लाख लोग जख्मी हो गए थे और हजारों इमारतें नष्ट हो गई थी। 

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