शुरू हुआ टैरिफ का पलटवार! अमेरिका का माल भारत ने चीन की तरफ मोड़ा

भारत ने चीन को अप्रैल से जुलाई के बीच माल निर्यात में 5.76 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लिया। ये पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा है। पेट्रोलियम उत्पादन दोगुना बढ़कर 883 मिलियन डॉलर, ईयू निर्यात 202.7 % की उछाल के साथ 521 मिलियन डॉलर कृषि निर्यात, तेल खली 2656.1%, चावल 1383.3%, तिलहन 1791.7%। यानी भारत का अनाज से लेकर ईंधन तक हर सेक्टर चीन की अर्थव्यवस्था को ताकत दे रहा है।
दुनियाभर में जब अमेरिका अपने टैरिफ वॉर और व्यापारिक दबाव के जरिए भारत को झुकाने की कोशिश कर रहा। ठीक उसी वक्त भारत ने इतिहास रच दिया। अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच भारत का माल निर्यात चीन को 20 प्रतिशत की जबरदस्त छलांग के साथ 5.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसमें सबसे मजेदार बात ये है कि भारत का मेड इन इंडिया माल देखकर चीन के राजदूत तक झूम उठे और एक्स पर गर्व से आंकड़े शेयर करने लगे।
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भारत के बंपर निर्यात की कहानी
भारत ने चीन को अप्रैल से जुलाई के बीच माल निर्यात में 5.76 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लिया। ये पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा है। पेट्रोलियम उत्पादन दोगुना बढ़कर 883 मिलियन डॉलर, ईयू निर्यात 202.7 % की उछाल के साथ 521 मिलियन डॉलर कृषि निर्यात, तेल खली 2656.1%, चावल 1383.3%, तिलहन 1791.7%। यानी भारत का अनाज से लेकर ईंधन तक हर सेक्टर चीन की अर्थव्यवस्था को ताकत दे रहा है।
पेट्रोलियम यानी की भारत का एनर्जी सेक्टर
पिछले कुछ समय से भारत अपनी रिफाइनरी क्षमता ही नहीं बढ़ाई बल्कि दुनिया को दिखाया कि वो सिर्फ उभोक्ता यानी कि कंज्यूमर नहीं बल्कि बड़ा सप्लायर भी है। इस बार पेट्रोलियम निर्यात दोगुना होकर 883 मिलियन डॉलर पहुंच गया। चीन जैसे बड़े इंडस्ट्रियल देश को भारत का तेल मिलना सिर्फ व्यापारिक नहीं बल्कि रणनीतिक सफलता भी है। भारत लंबे समय तक चीन से इल्कट्रॉनिक सामान खरीदने वाला देश माना जाता था। लेकिन अब कहानी पलट रही है। भारत ने इलेक्ट्रॉनिक सामान 521 मिलियन डॉलर का निर्यात चीन को किया और ये निर्यात 202.7 % बढ़ा है।
चीन जैसे देश की थाली को भी भर रहा भारत का किसान
भारत धीरे धीरे मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। मोबाइल पार्ट्स, कंपोनेंट और स्मार्ट डिवाइस का निर्यात साफ दिखाता है कि भारत अब मेड इन इंडिया को चीन तक बेच रहा है। इसके अलावा भारत की ताकत हमेशा से अनाज और कृषि उत्पाद रहा है। इस बार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। तेल खली 2656.1%, चावल 1383.3%, तिलहन 1791.7% यानी भारत का किसान अब केवल देश नहीं बल्कि चीन जैसे विशाल देश की थाली को भी भर रहा।
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