इस साल भी मौसम से जुड़ी विषम परिस्थितियां जारी रहेंगी

आर्कटिक ‘लू’ समेत जलवायु परिस्थितियां और विषमता से भरा मौसम इस साल भी दुनिया भर के लोगों के लिए चिंता का विषय बनने जा रहा है।
जिनेवा। आर्कटिक ‘लू’ समेत जलवायु परिस्थितियां और विषमता से भरा मौसम इस साल भी दुनिया भर के लोगों के लिए चिंता का विषय बनने जा रहा है। इसके चलते वर्ष 2017 को अत्यंत कठोर मौसम वाले साल के रूप में चिन्हित किया जा चुका है। वैश्विक तापमान चार्ट में वर्ष 2016 सबसे उपर रहा था। पिछले साल समुद्री बर्फ के पिघलने के साथ ही समुद्रों का जलस्तर भी बढ़ा। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने आज चेतावनी दी है कि वैश्विक जलवायु प्रणाली में जो बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला था और जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल कई खतरनाक रिकॉर्ड सामने आए थे, ऐसा लगता है कि वह इस साल भी जारी रहने वाला है।
विश्व जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम के प्रमुख डेविड कार्लसन ने डब्ल्यूएमओ की एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘अब हम सही मायनों में अनाधिकृत क्षेत्र में आ गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि बिना किसी मजूबत अलनिनो- एक ऐसी घटना जो हर चार-पांच साल में गर्म तापमान लेकर आती है- के भी पूरी पृथ्वी पर वर्ष 2017 में अन्य तरह के असाधारण परिवर्तन दिख रहे हैं जो कि जलवायु के प्रति हमारी समझ को चुनौती दे रहे हैं।
यह चेतावनी डब्ल्यूएमओ की वैश्विक जलवायु पर जारी की गई सालाना रिपोर्ट में आज प्रकाशित की गई है। इस रिपोर्ट में पिछले साल जारी किए गए उन आंकड़ों की पुष्टि की गई है जिनमें यह दिखाया गया था कि दर्ज किए गए आंकड़ों में वर्ष 2016 अब तक का सबसे गर्म साल रहा। पिछले साल औसतन वैश्विक तापमान औद्योगिक काल से पहले के मुकाबले 1.1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा और यह वर्ष 2015 के रिकॉर्ड के मुकाबले 0.06 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। एजेंसी ने ऐसे अनुसंधान की ओर इशारा किया है जिसमें यह दिखाया गया कि आर्कटिक में हो रहे बदलाव और पिघलती समुद्री बर्फ के कारण महासागरीय और वायुमंडलीय परिसंचरण के प्रारूपों में बड़ा बदलाव आएगा।
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