भारत के लगातार इनकार के बावजूद ट्रंप के मंत्री मार्को रुबियो का दावा, ट्रंप ने सुलझाया भारत-पाकिस्तान संघर्ष

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दावा किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘बेहद खतरनाक’’ संघर्ष को रोकने में ‘‘काफी हद तक शामिल’’ रहे थे। मंगलवार को यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में रुबियो ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक वैश्विक शांति बहाल करना है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार (23 सितंबर, 2025) को कहा कि भारत अमेरिका का बहुत करीबी साझेदार है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन युद्ध के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत रूसी तेल की खरीद के लिए नई दिल्ली पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। मार्को रुबियो ने 23 सितंबर को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात भी की थी और दोनों देशों के संबंधों में मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास किया था। लेकिन कुछ घंटों बाद एक बार फिर से अमेरिका ने अपना रंग दिखाया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फिर से खोखले दावे को दोहराया।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दावा किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘बेहद खतरनाक’’ संघर्ष को रोकने में ‘‘काफी हद तक शामिल’’ रहे थे। मंगलवार को यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में रुबियो ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक वैश्विक शांति बहाल करना है। उन्होंने कहा, ‘‘जब राष्ट्रपति ट्रंप ने पद संभाला तो उन्होंने दुनिया में जहां भी अवसर मिला वहां शांति बहाल करना अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया। और इसमें कई स्थानों पर बड़ी सफलता मिली है।’’
रुबियो ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हुआ था, जो बहुत खतरनाक था। राष्ट्रपति ने इसमें बीच-बचाव करने का फैसला किया और शत्रुता समाप्त करने में बहुत अहम भूमिका निभाई।’’ रुबियो ने कहा कि ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया, कांगो और रवांडा तथा अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच संघर्षों को हल करने में भी ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका’’ निभायी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जारी युद्ध एक “असाधारण चुनौती” साबित हुआ है।
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अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने इस पर लगातार काम किया है, इसमें अपना बहुत सारा समय, ऊर्जा लगायी और सरकार के सर्वोच्च स्तर तक भागीदारी की।’’ उन्होंने कहा कि तुर्किये, सऊदी अरब और अलास्का में बैठकों के साथ ही फोन पर कई बार बातचीत कीं तथा इन सभी का उद्देश्य इस संघर्ष को समाप्त करना था। उन्होंने कहा, ‘‘(यह) एक ऐसा युद्ध है जो सैन्य रूप से समाप्त नहीं हो सकता। यह वार्ता की मेज पर ही समाप्त होगा। यही इस युद्ध का अंत होगा। लेकिन जितना लंबा यह चलेगा, उतने अधिक लोग मरेंगे और उतनी ही अधिक तबाही होगी।’’
इससे पहले, ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से अपना यह दावा दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाया था। साथ ही उन्होंने संघर्षों को समाप्त करने में मदद करने का प्रयास तक नहीं करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की। ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 80वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘इसी तरह, केवल सात महीनों में, मैंने सात ऐसे युद्ध समाप्त करवाये हैं..।’’
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जिन युद्धों को समाप्त करने में उन्होंने मदद की, वे दशकों से चल रहे थे। दस मई को, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण और तत्काल’’ संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने लगभग 50 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ‘‘घटाने’’ में मदद की है। हालांकि, भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से लगातार इनकार किया है।
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