कोविड: संरा ने साल के अंत तक हर देश की 40 फीसदी आबादी के टीकाकरण की रणनीति पेश की

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बृहस्पतिवार को कहा, टीके की असमानता कोविड महामारी की सबसे अहम सहयोगी है।इससे वायरस के स्वरूपों को विकसित होने और तेजी से फैलने का मौका मिलता है जिससे दुनिया में और अधिक लोगों की जान चली जाती है। साथ ही आर्थिक मंदी बढ़ रही है जिससे खरबों डॉलर का नुकसान हो सकताहै।

संयुक्त राष्ट्र| टीका असमानता की चिंताओं के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 रोधी वैश्विक टीकाकरण रणनीति की शुरुआत की जिसका उद्देश्य इस साल के अंत तक हर देश की 40 फीसदी जबकि 2022 के मध्य तक 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण करना है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इसने सितंबर के अंत तक हर देश और क्षेत्र की 10 फीसदी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य रखा था लेकिन उस तारीख तक 56 देश ऐसा नहीं कर पाए थे, जिनमें से अधिकतर अफ्रीका और पश्चिम एशिया के देश रहे।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम गेब्रेयासुस के साथ संयुक्त ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान गुतारेस ने कहा, टीके की असमानता कोविड महामारी की सबसे अहम सहयोगी है। इससे वायरस के स्वरूपों को विकसित होने और तेजी से फैलने का मौका मिलता है जिससे दुनिया में और अधिक लोगों की जान चली जाती है। साथ ही आर्थिक मंदी बढ़ रही है जिससे खरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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