अमेरिकी विशेषज्ञ का आरोप: हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का विरोध करने पर पद से हटाया

rick bright

बॉयोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवल्पमेंट अथॉरिटी’ (बीएआरडीए) के पूर्व निदेशक रिक ब्राइट ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उन्हें मंगलवार को उनके पद से हटाकर कम महत्वपूर्ण काम सौंपा गया।ट्रंप ने जब से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 के उपचार में सहायक दवा के रूप में प्रचार करना शुरू किया है, तब से इसे लेकर विवाद चल रहा है।

वॉशिंगटन। कोरोना वायरस महामारी को काबू करने के प्रयास कर रही अमेरिका की एक सरकारी एजेंसी के प्रमुख के तौर पर सेवाएं दे चुके एक विशेषज्ञ ने आरोप लगाया है कि उसे मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को बढ़ावा देने के ‘‘राजनीतिक मकसद वाले प्रयासों का’’ विरोध करने के कारण प्रमुख के पद से हटाया गया। विशेषज्ञ ने दावा किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी सबूत के बिना कोविड-19 के उपचार के रूप में इस दवा का प्रचार कर रहे हैं। ‘बॉयोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवल्पमेंट अथॉरिटी’ (बीएआरडीए) के पूर्व निदेशक रिक ब्राइट ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उन्हें मंगलवार को उनके पद से हटाकर कम महत्वपूर्ण काम सौंपा गया।

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ब्राइट के वकीलों डेब्रा कात्ज और लीसा बैंक्स ने इसे ‘‘बदले की कार्रवाई’’ करार दिया है। ट्रंप ने जब से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 के उपचार में सहायक दवा के रूप में प्रचार करना शुरू किया है, तब से इसे लेकर विवाद चल रहा है। प्रतिरक्षा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले ब्राइट ने कहा, ‘‘मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि इस घातक वायरस से निपटने के लिए विज्ञान की आवश्यकता है, राजनीति की नहीं।’’ ब्राइट के वकीलों ने उनका यह बयान जारी किया। ब्राइट ने कहा, ‘‘भ्रामक दिशा-निर्देशों के विपरीत, मैंने क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का बृहद इस्तेमाल सीमित कर दिया था, जिसे प्रशासन रामबाण बता रहा है लेकिन उसका स्पष्ट रूप से कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।’’

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ट्रंप से जब बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में ब्राइट के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘‘उनके बारे में कभी नहीं सुना’’। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस व्यक्ति का कहना है कि उसे पद से हटा दिया गया। हो सकता है कि ऐसा हुआ हो। हो सकता है कि ऐसा न भी हुआ हो... मैं नहीं जानता कि वह कौन है।’’ ब्राइट और उनके वकीलों से एचएचएस महानिरीक्षक और ‘ऑफिस ऑफ स्पेशल काउंसिल’ से मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है। ट्रंप ने मलेरिया की इस दवा को कोविड-19 के उपचार में लाभकारी बताया है और इसके पक्ष में कई मरीजों के बयान भी पेश किए हैं लेकिन अमेरिका में 368 मरीजों पर हाल में हुए अध्ययन में इसका कोई लाभ देखने को नहीं मिला है जिसके बाद इस दवा को लेकर चिकित्सकीय समुदाय में बहस छिड़ गई है और कई चिकित्सक इसके इस्तेमाल को लेकर आशंकित हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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