अमेरिका WHO को नहीं करेगा बकाया राशि का भुगतान, संगठन से अभी भी खफा हैं ट्रंप

US wont pay remaining dues to WHO after Trump pullout

अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को बकाया राशि का भुगतान नहीं करने का फैसला किया है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तरीके को लेकर डब्ल्यूएचओ से खफा हैं और संगठन पर चीन के अनुचित प्रभाव में होने का आरोप लगाते रहे हैं।

वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को छह करोड़ डॉलर से ज्यादा बकाया राशि का भुगतान नहीं करेगा और बाकी धन वह संयुक्त राष्ट्र में अन्य मदों में देगा। बुधवार को इस बाबत की गई घोषणा के एक दिन पहले व्हाइट हास ने कहा था कि कोविड-19 के टीके के विकास एवं वितरण की डब्ल्यूएचओ की परियोजना में वह शामिल नहीं होगा। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तरीके को लेकर डब्ल्यूएचओ से खफा हैं और संगठन पर चीन के अनुचित प्रभाव में होने का आरोप लगाते रहे हैं। इसीलिए उन्होंने डब्ल्यूएचओ को 2020 में देय राशि में से करीब 6.2 करोड़ डॉलर की राशि रोकने का फैसला किया।

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संगठन से अलग होने की प्रक्रियाओं के बावजूद प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ की चुनिंदा बैठकों में शामिल होता रहेगा और अलग होने की प्रक्रिया की एक वर्ष की अवधि के दौरान विशेष कार्यक्रमों में एक बार का योगदान भी देगा। इन कार्यक्रमों में अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान में पोलिया उन्मूलन, लीबिया तथा सीरिया में मानवीय सहायता एवं इनफ्लूऐंजा से निपटने के प्रयास से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं। जुलाई में ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका जुलाई 2021 तक डब्ल्यूएचओ से अलग हो जाएगा, साथ ही प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वे एजेंसी के वित्तपोषण एवं सहयोग संबंधी काम निपटाने शुरू कर दें। उस घोषणा तक अमेरिका 2020 के लिए अनुमानित 12 करोड़ डॉलर की राशि में से 5.2 करोड़ डॉलर का भुगतान कर चुका था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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