7 साल पीछे चलने वाले देश में अचानक गूंजा वंदे मातरम, दोनों हाथ उठाकर ताली बजाने लगे मोदी, Video वायरल

इथियोपिया की राजधानी अदीस अबबाबा भव्य डिनर हॉल स्टेज पर खड़े इथियोपियाई कलाकार और जैसे ही गूंजते हैं शब्द वंदे मातरम कैमरा कट करता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मोदी मुस्कुराते हैं दोनों हाथ उठाते हैं तालियों की गूंज से पूरा हॉल भर जाता है।
पूरी दुनिया एक ही तरह से समय के हिसाब से चलती है। लेकिन इथोपिया ने अपने पुराने कैलेंडर को आज भी थामे रखा है। सात साल पीछे चलने वाला समय और 13 महीने चलने वाला साल व हजारों सालों की परंपरा यही इस देश की सबसे बड़ी पहचान है। 15 सालों में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री का इथोपिया का दौरा हुआ। इथोपिया की संसद में पीएम मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। यह दुनिया की 18वीं संसद है जहां प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण दिया।
वंदे मातरम की प्रस्तुति मुस्कुराए मोदी
इथियोपिया की राजधानी अदीस अबबाबा भव्य डिनर हॉल स्टेज पर खड़े इथियोपियाई कलाकार और जैसे ही गूंजते हैं शब्द वंदे मातरम कैमरा कट करता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मोदी मुस्कुराते हैं दोनों हाथ उठाते हैं तालियों की गूंज से पूरा हॉल भर जाता है। यह सिर्फ एक गाना नहीं था। यह था भारत के सम्मान का वह पल जिसने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया। दरअसल इथियोपिया सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में एक भव्य राजकीय भोज आयोजित किया गया। इस डिनर की मेजबानी खुद इथियोपिया के प्रधानमंत्री अभी अहमद अली ने की। इस डिनर को ऐतिहासिक बना दिया वंदे मातरम की प्रस्तुति ने। जैसे ही मंच पर इथियोपियाई सिंगर्स आए उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की मधुर प्रस्तुति की। उच्चारण साफ था। सुरों में सम्मान था और भाव में भारत के लिए प्रेम था। ऐसे में पूरा हॉल मंत्र मुग्ध हो गया और फिर कैमरा गया। सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मोदी मुस्कुराए, हाथ उठाया, तालियों से शुरुआत की। फिर दोनों हाथ ऊपर उठाकर कलाकारों की हौसला अपजाई की। यह पल इतना भावुक था वहां मौजूद हर भारतीय की आंखें नम हो गई।
इसे भी पढ़ें: 140 करोड़ लोगों की दोस्ती का संदेश लाया हूं...इथियोपिया की संसद में PM मोदी का संबोधन
उपनिवेशवाद के दौर में भी आजाद मुल्क इथोपिया
आपको बता दें कि इथोपिया केवल एक देश नहीं है बल्कि अफ्रीका के इतिहास की एक बड़ी पहचान है। कहा जाता है कि इथोपिया की स्थापना 980 बीसी यानी आज से करीब तीन हजार साल पहले हुई। इस देश की सबसे बड़ी बात ये रही कि जब दुनिया के कई हिस्सों में साम्राज्य बन रहे थे और टूट रहे थे। जब उपनिवेशवाद ने एशिया और अफ्रीका को जकड़ लिया। तब भी इथोपिया अपने आजादी के साथ खड़ा रहा।
समय और कैलेंडर की अनोखी परंपरा
इथियोपिया की सबसे अजीब और हैरान करने वाली बात उसका कैलेंडर है। इथियोपिया आज की दुनिया से लगभग सात साल पीछे चलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब रोमन चर्च ने 525 ईस्वी में अपने पुराने कैलेंडर में बदलाव किए, तो इथियोपिया ने अपना प्राचीन कैलेंडर नहीं बदला। इसलिए, वे आज भी ग्रेगोरियन कैलेंडर से पीछे चल रहे हैं। एक दिलचस्प कहानी यह भी है कि इथियोपिया में साल भी 13 महीनों का होता है. आमतौर पर 12 महीने 30 दिनों के होते हैं और जो 13वां महीना होता है, वह सामान्य साल में 5 दिन का और लीप साल में 6 दिन का होता है।
When Vande Mataram echoes far from home in Eithopia PM Modi's warm and effervescent response marks a powerful moment of National Pride in Eithopia. pic.twitter.com/EqDrFSr05u
— Naina 🇮🇳 (@NaIna0806) December 17, 2025
अन्य न्यूज़












