हनुमान जन्मोत्सव के भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये 7 काम, नहीं मिलेगा पूजा का पूरा फल

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती के दिन व्रत रखते समय कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। मान्यतों के अनुसार हनुमान जयंती पर भूलकर भी ये काम नहीं करना चाहिए वरना हनुमान जी रुष्ट हो सकते हैं।

हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। इस साल 16 अप्रैल (शनिवार) को मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। हनुमान जन्मोत्सव के दिन श्रद्धाभाव से संकटमोचन की पूजा-अर्चना करने के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और व्रत रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करते हैं, बजरंगबली उनके सभी संकट दूर करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव के दिन व्रत रखते समय कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। मान्यतों के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव पर भूलकर भी ये काम नहीं करना चाहिए वरना हनुमान जी रुष्ट हो सकते हैं -

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हनुमान जी की पूजा करते समय काले या सफेद रंग के वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमानजी को लाल या पीला रंग प्रिय है। उनकी पूजा करते समय केवल लाल या पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए।

जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। हनुमान जी स्वयं भी बाल ब्रह्मचारी है इसलिए हनुमान जी की पूजा करते वक्त महिलाओं को उनको प्रतिमा का स्पर्श नहीं करना चाहिए।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की टूटी हुई या खंडित मूर्ति की पूजा भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा हनुमान जी की फटी हुई तस्वीर यदि घर में हो तो उसे तुरंत हटा दें। घर में भगवान की टूटी या खंडित प्रतिमा रखने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।

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मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी को चरणामृत का भोग लगाने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में देवी देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए। जब घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो 13 दिन तक सूतक काल मान्य होता है। ऐसे समय में हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए।

अगर आपने हनुमान जयंती के दिन व्रत रखा है तो इस दिन भूलकर भी दिन में न सोएं। इसके अलावा हनुमान जी के व्रत में नमक या दान में दी हुई चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

हनुमान जन्मोत्सव के दिन मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

- प्रिया मिश्रा 

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