भगवान शिव के इन मंत्रों के पाठ से खुल जाती है किस्मत, जानिए कैसे करना चाहिए जाप

Lord Shiva
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भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। शिव शंकर के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा पा सकता हैं। आइए जानते हैं शिव शंकर को प्रसन्न करने वाले सिद्ध और सरल मंत्रों के बारे में।

भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करने और शिव मंत्रों का नियमित जाप करना काफी शुभ होता है। ऐसे व्यक्ति की हर मनोकामना जल्दी पूरी होती है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग मंत्रों का जाप किया जाता है। बता दें कि शिव मंत्रों के हर एक शब्द का अपना महत्व और अर्थ होता है। अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिव मंत्रों का जाप किया जाता है। कहा जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। सच्चे मन से की गई पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होकर काल को काटने के साथ ही व्यक्ति को सभी दोषों से भी मुक्त कर देते हैं। शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का शास्त्रों में वर्णन किया गया है। इन मंत्रों का निरंतर जाप करने से मनोवांछित फल मिलता है। ऐसे में अगर आप भी अपने जीवन में तमाम तरह की परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शिवजी के कुछ मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। 

ऊँ नम: शिवाय

भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए उनके सबसे सरल मंत्र ऊँ नम: शिवाय का निरंतर जाप करना चाहिए। इस मंत्र के निरंतर जाप करने से भगवान जल्दी ही प्रसन्न होते हैं। बता दें कि जलाभिषेक करने शिवजी की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, शिव शंकर के इस मंत्र का 108 बार जाप करना बेहद लाभकारी होता है। शिवजी की कृपा पाने के लिए आप भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

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महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे। सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्। मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ इस मंत्र के उच्चारण से अकाल मृत्यु को भी टाला जा सकता है। बता दें कि इस मंत्र के प्रतिदिन जाप किए जाने से अकाल मृत्यु के साथ ही साथ गंभीर बीमारियों के चुंगल से भी छुटकारा मिलता है। महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन जाप बहुत ही फलदायी होता है। इसके अलावा शिवलिंग पर जलाभिषेक करने और फूल अर्पित करने के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बेहद फलदायी होता है।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै न काराय नमः शिवाय॥ बता दें कि शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र की रचना की थी। भगवान शिव जल्द से जल्द प्रसन्न करने के लिए शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र का जाप का नियमित जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जरिए से सृष्टि के पांचों तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र का जाप करने से भगवान शिव भक्तों के करीब आते हैं। भगवान शिव की आराधना से कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है।

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