Vastu Tips: सकारात्मक ऊर्जा का संचार बनाए रखने के लिए घर के बाहर लिखें ये मंत्र, जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र

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वास्तु का घर से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी वस्तु व स्थान का संबंध होता है। इसलिए वास्तु शास्त्र में घर की हर दिया और हर स्थान को बेहद अहम माना गया है। वास्तु शास्त्र में घर के अंदर के वास्तु को ठीक करने से दोष से मुक्ति मिलती है।

वास्तु का घर से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी वस्तु व स्थान का संबंध होता है। इसलिए वास्तु शास्त्र में घर की हर दिया और हर स्थान को बेहद अहम माना गया है। वास्तु शास्त्र में घर के अंदर के वास्तु को ठीक करने से दोष से मुक्ति मिलती है। तो वहीं घर के बाहर या आसपास के स्थान से जुड़ी अहम बातों का वास्तुशास्त्र में वर्णन मिलता है।

बता दें कि घर में नकारात्मकता का प्रवेश बाहर से होता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर के मुख्य द्वार पर किन शब्दों को लिखने से घर में नकारात्मकता प्रवेश नहीं करती है।

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घर के बाहर लिखें यह मंत्र

घर के बाहर या मुख्य द्वार पर आप छोटे मंत्र लिख सकते हैं। इन मंत्रों को लिखकर मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मकता का प्रवेश नहीं हो पाता है। आप अपने घर के मुख्य द्वार पर 'ॐ नमः शिवाय', 'ॐ गण गणपतये नमः', 'ॐ हनु हनुमंते नमः' लिख सकते हैं।

घर के बाहर लिखें वचन

घर के मुख्य द्वार या बाहर शुभ वचन लिखना चाहिए। जैसे आप घर के मुख्य द्वार पर 'जय बजरंग बलि', 'जय-जय श्रीराम', 'राम-राम', 'श्याम-श्याम', 'जय जय श्री राधे', 'राधे-राधे', 'जय माता दी' आदि वजन लिख सकते हैं। इन वचनों को घर के बाहर या मुख्य द्वार पर लिखने से घर में सकारात्मकता व शुभता आती है।

मुख्य द्वार पर लिखें नाम

घर के बाहर या मुख्य द्वार पर घर का नाम लिखना शुभ माना जाता है। घर का नाम वास्तु और ज्योतिष दोनों के हिसाब से होना चाहिए। वहीं अगर आपने अपने घर का कोई नाम नहीं रखा है, तो आपको घर का नाम जरूर रखना चाहिए। फिर उसी नाम को घर के बाहर शुभ चिन्हों के साथ लिखना चाहिए। इस उपाय को करने से कभी घर में नकारात्मकता का वास नहीं होता है।

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