Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री को किस चीज का भोग लगाना चाहिए?

Shardiya Navratri 2024
Unsplash

देवी शैलपुत्री को हिमालय की दिव्य पुत्री माना जाता है। शैल का अर्थ है पर्वत और पुत्री का अर्थ है बेटी। भक्त अपने जीवन में शक्ति और समृद्धि के लिए उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। देवी को पवित्रता और शक्ति का अवतार भी माना जाता है। हालांकि, पहला दिन देवी शैलपुत्री को समर्पित है, इसलिए उन्हें सफेद रंग का भोजन अर्पित करना शुभ माना जाता है।

 नवरात्रि पर्व जल्द ही शुरू होने वाली है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के स्वरुपों की पूजा होती है। पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार अत्यंत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि शरद ऋतु में अश्विन के चंद्र माह के दौरान होती है। यह त्योहार राक्षस महिषासुर पर देवी की विजय का जश्न मनाता है; इसलिए, उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है। इस साल नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होगा और 12 अक्टूबर को दशहरा के साथ समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन नौ दिनों के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्र का पहला दिन देवी शैलपुत्री को समर्पित है। ज्योतिष के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। हालांकि, पहला दिन देवी शैलपुत्री को समर्पित है, इसलिए उन्हें सफेद रंग का भोजन अर्पित करना शुभ माना जाता है।

 धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, देवी शैलपुत्री को हिमालय की दिव्य पुत्री माना जाता है। शैल का अर्थ है पर्वत और पुत्री का अर्थ है बेटी। भक्त अपने जीवन में शक्ति और समृद्धि के लिए उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। देवी को पवित्रता और शक्ति का अवतार भी माना जाता है।

मां शैलपुत्री को प्रिय है सफेद चीजें

मां शैलपुत्री को सफेद रंग पसंदीदा है, इसलिए आप उन्हें बर्फी, घर की बनी खीर और रबड़ी का भोग लगा सकते हैं। मां नवरात्र के पहले दिन उन्हें ये भोग अर्पित कर सकते हैं इससे मां शैलपुत्री जल्द ही प्रसन्न होंगी और मां भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगी। 

मां शैलपुत्री के इन मंत्रों का जप करें

-“या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

-वन्दे वंचित लाभाय चन्द्रार्धा कृतशेखरम्,

वृषारूढं शूलधरं शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।

-वन्दे वांच्छितलाभाय चन्द्रार्धा कृतशेखरम्,

वृषारुधं शूलधरं शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।”

All the updates here:

अन्य न्यूज़