आंध्र प्रदेश में कोविड देखभाल केंद्र में आग लगने से 10 मरीजों की मौत, मृतकों के परिवार को 50 लाख का मुआवजा

आंध्र प्रदेश में कोविड देखभाल केंद्र

दमकल सुरक्षा निदेशक जयराम नाइक ने बताया कि एक निजी अस्पताल ने कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए इस होटल को किराये पर लिया था।आंध्र प्रदेश सरकार ने हादसे में मारे गए 10 लोगों के परिजन को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में कोरोना वायरस उपचार केंद्र में बदले गए एक होटल में रविवार को आग लगने से 10 मरीजों की मौत हो गई। आग संभवत: शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त बी श्रीनिवासुलु ने बताया कि हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई। आग लगने के बाद घबराए मरीजों ने भागने की कोशिश की। दमकल सुरक्षा निदेशक जयराम नाइक ने बताया कि एक निजी अस्पताल ने कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए इस होटल को किराये पर लिया था। यहां सुरक्षा नियमों का ‘‘उल्लंघन’’ किया गया। उन्होंने बताया कि जांच शुरू हो गई है और कार्रवाई की जाएगी। आंध्र प्रदेश सरकार ने हादसे में मारे गए 10 लोगों के परिजन को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से बात की और घटना की जानकारी ली। सीएमओ से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार रेड्डी ने मोदी को बताया कि एक निजी अस्पताल ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए स्टार होटल को किराये पर लिया था।

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प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। राज्य की गृह मंत्री एम सुचरिता ने बताया कि रविवार तड़के हुए इस हादसे के पीछे इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट वजह हो सकती है। इस होटल में कोरोना वायरस के 40 मरीजों का इलाज चल रहा है। इस कोविड देखभाल केंद्र का संचालन कर रहे निजी अस्पताल के 10 कर्मचारी यहां थे। आंध्र प्रदेश आपदा मोचन एवं दमकल सेवा विभाग में सूत्रों ने बताया कि ऐसा लगता है कि होटल की सामने की लॉबी में इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी और यह पहली तथा दूसरी मंजिल तक फैल गई। होटल से बाहर निकलने के लिए सीढ़ियों वाला एक ही मुख्य मार्ग था इसलिए घबराए मरीजों ने धुआं दिखने के बाद वहीं से बाहर निकलने की कोशिश की। एक दमकल अधिकारी ने बताया, ‘‘दरअसल उन्हें पीछे की तरफ दूसरी सीढ़ियों का इस्तेमाल करना चाहिए था, इससे उनकी जान बच जाती।

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दुर्भाग्य से उन्होंने अफरातफरी में मुख्य सीढ़ियों का इस्तेमाल किया और आग की चपेट में आ गए।’’ चूंकि कोई अन्य विकल्प नहीं था इसलिए दमकल और एनडीआरएफ कर्मियों ने होटल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल किया। मृतकों में वहां इलाज के लिए भर्ती मरीज शामिल हैं। बचाए गए मरीजों को शहर में एमजी रोड पर स्थित अन्य कोविड देखभाल केंद्र भेजा गया है। दमकल सुरक्षा अधिकारी जयराम नाइक ने बताया कि होटल ने आग संबंधी सुरक्षा नियमों का ‘‘उल्लंघन’’ किया। उन्होंने बताया, ‘‘दुर्घटना के समय फायर अलार्म नहीं बजा जिससे पीछे का दरवाजा खोलने में देरी हुई। जांच शुरू कर दी गई है और होटल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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