1984 anti Sikh riots: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की बढ़ी मुश्किलें, CBI ने नई दाखिल की चार्जशीट

Jagdish Tytler
ANI
अंकित सिंह । May 20 2023 1:49PM

जांच एजेंसी ने पिछले महीने 1984 में राष्ट्रीय राजधानी के पुल बंगश इलाके में हुई हिंसा के संबंध में कांग्रेस नेता की आवाज के नमूने एकत्र किए थे, जिसमें तीन लोग मारे गए थे। कांग्रेस नेता पर पीड़ितों की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने का आरोप है।

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सीबीआई ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में पुल बंगश गुरुद्वारा आग मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस नेता के खिलाफ ताजा सबूत मिलने के बाद आरोपपत्र में उनका नाम लिया गया है। जांच एजेंसी ने पिछले महीने 1984 में राष्ट्रीय राजधानी के पुल बंगश इलाके में हुई हिंसा के संबंध में कांग्रेस नेता की आवाज के नमूने एकत्र किए थे, जिसमें तीन लोग मारे गए थे। कांग्रेस नेता पर पीड़ितों की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने का आरोप है। इससे पहले टाइटलर ने कहा ता कि "मैने क्या किया? अगर मेरे खिलाफ सबूत हैं, तो मैं खुद को फांसी देने के लिए तैयार हूं। 

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सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "हम गवाहों द्वारा दिए गए बयानों का समर्थन करने के लिए सहायक सबूत खोजने में कामयाब रहे हैं।" टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में आईपीसी की धारा 147, 148,149,153 (ए), 188 और 109 के साथ 302, 295 और 436 के तहत दायर की गई है। अब तक तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने वाली एजेंसी ने मामले में ‘‘नए सबूत’’ मिलने के बाद आवाज के नमूने एकत्र किए थे। दंगों की जांच करने वाले नानावती आयोग की रिपोर्ट में टाइटलर का नाम था। सीबीआई ने मामले में तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जिन्हें विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। 

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मामला एक नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश इलाके में दंगों के दौरान तीन लोगों की हत्या से जुड़ा है। वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देश में सिख समुदाय पर कथित तौर पर हिंसक हमले किए गए थे। पीड़ितों ने मामले में सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी। अदालत ने दिसंबर 2015 में सीबीआई को मामले की और जांच करने का निर्देश देते हुए कहा था कि वह हर दो महीने में जांच की निगरानी करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर एक पहलू की जांच की जाए।

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