दिल्ली में 23 किमी के ग्रीन कॉरीडोर ने बीएसएफ कांस्टेबल को दी नयी जिदंगी

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यकृत (लिवर) प्रतिरोपण का इंतजार कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 42 वर्षीय एक कर्मी को शुक्रवार को नयी जिंदगी मिल गई। दरअसल, 70 वर्षीय एक व्यक्ति का यकृत महज 22 मिनट में 23 किमी की दूरी तय कर उसके प्रतिरोपण के लिए यहां एक अस्पताल पहुंचाया गया

नयी दिल्ली। यकृत (लिवर) प्रतिरोपण का इंतजार कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 42 वर्षीय एक कर्मी को शुक्रवार को नयी जिंदगी मिल गई। दरअसल, 70 वर्षीय एक व्यक्ति का यकृत महज 22 मिनट में 23 किमी की दूरी तय कर उसके प्रतिरोपण के लिए यहां एक अस्पताल पहुंचाया गया।

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शहर के एक अस्पताल ने यह जानकारी दी। बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक बयान में कहा कि मस्तिष्काघात का शिकार हुए 70 वर्षीय व्यक्ति का यकृत बीएसएफ कर्मी के शरीर में प्रतिरोपित किया गया। अस्पताल के चिकित्सकों ने सर्जरी कर मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी बीएसएफ कर्मी को एक नयी जिंदगी दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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