AAP सांसद संजय सिंह ने UP में चल रही SIR प्रक्रिया पर उठाए सवाल, राज्यसभा में चर्चा के लिए नियम 267 के तहत दिया नोटिस

संसद का निचला सदन चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। इसमें विभिन्न राज्यों में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया पर चर्चा शामिल होगी। विपक्षी दल महीनों से एसआईआर पर बहस की मांग कर रहे हैं, कांग्रेस मतदाता सूची में विसंगतियों का आरोप लगा रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में नियम 267 के तहत एक नोटिस पेश किया, जिसमें उत्तर प्रदेश में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर चर्चा के लिए कार्य स्थगित करने की मांग की गई। संसद का निचला सदन चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। इसमें विभिन्न राज्यों में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया पर चर्चा शामिल होगी। विपक्षी दल महीनों से एसआईआर पर बहस की मांग कर रहे हैं, कांग्रेस मतदाता सूची में विसंगतियों का आरोप लगा रही है।
इसे भी पढ़ें: Finance Minister Sitharaman पर TMC ने पश्चिम बंगाल के बारे में राज्यसभा को गुमराह करने का आरोप लगाया
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) आज निचले सदन में चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। एलओपी एसआईआर के मुखर आलोचक रहे हैं और उनका आरोप है कि सरकार इस प्रक्रिया का इस्तेमाल असली मतदाताओं के नाम हटाने के लिए कर रही है। केसी वेणुगोपाल चुनाव सुधारों पर बहस में भाग लेने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में से एक हैं। अन्य नेताओं में मनीष तिवारी, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, उज्ज्वल रमन सिंह, ईसा खान, रवि मल्लू, इमरान मसूद, गोवाल पदवी और एस ज्योतिमणि शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: अमेरिका ने 2009 से अब तक 18,822 भारतीयों को भेजा भारत, जयशंकर ने राज्यसभा में दी चौंकाने वाली जानकारी, जानिए पूरा मामला
राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा एसआईआर पर चर्चा शुरू करने की संभावना है। लोकसभा और राज्यसभा में पूरी चर्चा के लिए कुल 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं। गांधी भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा शुरू किए गए एसआईआर अभियान की लगातार आलोचना करते रहे हैं, उन्होंने मतदाता सूची में विसंगतियों और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) पर दबाव का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा कि एसआईआऱ एक सोची-समझी चाल है - जहाँ नागरिकों को परेशान किया जा रहा है, और अनावश्यक दबाव से BLO की मौतों को 'सह-क्षति' बताकर खारिज कर दिया जा रहा है। यह कोई विफलता नहीं, बल्कि एक साज़िश है - सत्ता में बैठे लोगों को बचाने के लिए लोकतंत्र की बलि चढ़ा दी गई है।
अन्य न्यूज़











