आप सरकार के आग्रह पर विचार करेगा उच्चतम न्यायालय

AAP will Consider Constitution Bench for Hearing on Plea
[email protected] । Jul 11 2017 4:05PM

दिल्ली सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि विधानसभा के दायरे में आने वाले मामलों के लिए उसके पास विशेष शासकीय शक्तियां हैं और इसमें केन्द्र, राष्ट्रपति और राज्यपाल हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी की अगुआई वाली दिल्ली सरकार को आज आश्वासन दिया कि वह उसकी उन याचिकाओं पर सुनवायी के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के गठन पर विचार करेगा जिसमें उसने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी कि राज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी का प्रशासनिक प्रमुख होता है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने जब मामलों पर जल्द निर्णय की बात कही तो उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ''हम इसे दर्ज करेंगे और पीठ के गठन पर विचार करेंगे।’’

अधिवक्ता ने कहा कि इससे पहले दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेजने को कहा था जिसका गठन होना अभी बाकी है। पीठ ने सुब्रमण्यम को संविधान पीठ के गठन का आश्वासन दिया और कहा, ‘‘....यह बेहद मुश्किल और पेचीदा समस्या है। हालांकि हम इसे करेंगे।’’ दिल्ली सरकार ने दो फरवरी को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि विधानसभा के दायरे में आने वाले मामलों के लिए उसके पास विशेष शासकीय शक्तियां हैं और इसमें केन्द्र, राष्ट्रपति और राज्यपाल हस्तक्षेप नहीं कर सकते। न्यायालय ने पिछले वर्ष 14 दिसंबर को अपनी टिप्पणी में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास कुछ शक्तियां होनी चाहिए अन्यथा वह काम नहीं कर पाएगी। पिछले वर्ष नौ सितंबर को न्यायालय ने उच्च न्यायालय के चार अगस्त के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया था।

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