श्रमिकों के निकलने के बाद मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री ने बौखनाग देवता का आभार प्रकट किया

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स्थानीय लोग इस हादसे का कारण बौखनाग देवता के प्रकोप को मान रहे थे क्योंकि दीवाली से कुछ दिन पहले उनके मंदिर को तोड़ दिया गया था। निर्माण एजेंसी ने पहले कहा था कि सुरंग के निर्माण के कारण मंदिर को हटाना पड़ा।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के निर्माणाधीन सिलक्यारा सुंरग से आखिरी श्रमिक को लेकर एंबुलेंस से चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए रवाना होते ही मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य मंत्री वी के सिंह स्थानीय बौखनाग देवता के मंदिर में उनके प्रति आभार प्रकट करने गए।

इसके तत्काल बाद एक संवाददाता सम्मेलन में धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग के मुहाने पर स्थित बाबा बौखनाग के छोटे मंदिर को भव्य बनाया जाएगा। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक मलबे के दूसरी तरफ फंस गए थे।

स्थानीय लोग इस हादसे का कारण बौखनाग देवता के प्रकोप को मान रहे थे क्योंकि दीवाली से कुछ दिन पहले उनके मंदिर को तोड़ दिया गया था। निर्माण एजेंसी ने पहले कहा था कि सुरंग के निर्माण के कारण मंदिर को हटाना पड़ा।

हांलांकि, बाद में गलती का अहसास होते ही उनकी माफी पाने के लिए सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का छोटा मंदिर स्थापित कर दिया गया। बौखनाग देवता को इलाके का रक्षक माना जाता है।

मंदिर स्थापित करने के बाद नियमित रूप से बाबा बौखनाग की पूजा की गयी और उनसे सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए आशीर्वाद मांगा गया। अभियान के 17 वें दिन बचावकर्मियों को सफलता मिली और सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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