इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ याचिका खारिज की

Allahabad High Court
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अदालत ने 11 जुलाई के अपने आदेश में कहा, ‘‘इस मामले को देखते हुए इस चरण में हमें मौजूदा याचिका पर विचार करने का कोई कारण नजर नहीं आता। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों के प्रस्तावित निजीकरण को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि याचिका में जिस राहत की मांग की गई है, वह साफ तौर पर कल्पनाओं पर आधारित है।

यह जनहित याचिका विजय प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड के कुछ पत्रों का हवाला देते हुए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के संबंध में दायर की गई थी।

याचिका खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने कहा, ‘‘जिस राहत की मांग की गई है, वह कल्पनाओं पर आधारित है। रिकॉर्ड यह संकेत नहीं देते कि याचिकाकर्ता ने किसी भी चरण में प्रतिवादियों (उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य) से संपर्क किया।’’

अदालत ने 11 जुलाई के अपने आदेश में कहा, ‘‘इस मामले को देखते हुए इस चरण में हमें मौजूदा याचिका पर विचार करने का कोई कारण नजर नहीं आता। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

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