कन्हैया और अन्य के खिलाफ देशद्रोह के आरोप अनर्गल: चिदंबरम
पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था।
नयी दिल्ली। देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि इस मामले में देशद्रोह का आरोप ‘अनर्गल’ है तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह संबंधित) पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।
If it takes 3 years and 1200 pages to make out a charge of sedition (based on a public speech), that alone exposes the motive of the government.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 14, 2019
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ देशद्रोह का आरोप अनर्गल है। देशद्रोह का आरोप लगाने के लिए 1200 पृष्ठों का आरोपपत्र तैयार हुआ और इसमें तीन साल लगे। सिर्फ इसी से सरकार की मंशा का पता चल जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जांच दल में कितने लोगों ने आईपीसी की धारा 124ए पढ़ी और समझी है? एक लोकतांत्रिक गणराज्य में इस तरह के प्रावधान पर गंभीर विमर्श होना चाहिए।’’ दरअसल, दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज देशद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया था।
पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था। यह कार्यक्रम संसद हमला मामले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू की फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था।
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