J&K को लेकर गृह मंत्रालय ने की अहम बैठक, अमित शाह और NSA भी रहे मौजूद

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[email protected] । Sep 16 2019 3:01PM

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद कश्मीर घाटी में सोमवार को लगातार 43वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकतर दुकानें बंद रहीं और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित रहीं।

नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लगभग 230 आतंकवादियों के भारत में घुसपैठ के इंतजार की खबरों के बीच सोमवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि दो घंटे तक चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान गृह मंत्री को जम्मू कश्मीर, खासकर अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

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सुरक्षा मामलों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने स्थिति का जायजा लिया और उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों तथा कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब खबरें हैं कि भारत में घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लगभग 230 आतंकवादियों को लॉंच पैड पर लाया गया है। कश्मीर घाटी की सुरक्षा स्थिति देखने वाली 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने हाल में कहा था कि सीमा पार से घुसपैठ के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लॉंच पैड आतंकवादियों से भरे हैं, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिज्बुल और अल बद्र जैसी तंजीमों के आतंकी अकसर पाकिस्तानी चौकियों में आते रहते हैं। हर रोज, गोलीबारी हो रही है।’’

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अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद कश्मीर घाटी में सोमवार को लगातार 43वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकतर दुकानें बंद रहीं और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित रहीं। समूची घाटी में, हालांकि लैंडलाइन फोन सेवा चालू है, लेकिन मोबाइल सेवा उत्तरी कश्मीर के केवल कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिलों में ही काम कर रही है। स्थिति के बारे में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि घाटी के अधिकतर क्षेत्र प्रतिबंध मुक्त हैं, लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए जमीन पर सुरक्षाबलों की तैनाती बनी हुई है।

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