अमित शाह का दावा, आंतरिक सुरक्षा को लेकर सरकार ने दिया काम, नक्सली खतरे हुए कम और जम्मू-कश्मीर में शांति

Amit Shah
ANI
रेनू तिवारी । Oct 21 2022 11:46AM

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।

नयी दिल्ली। भारत 1950 से ही तमाम तरह की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा हैं। आजादी के बाद भारत ने लोगों को एक साथ तो समेट लिया लेकिन एक डोर में नहीं बांध पाया इसी का नतीजा है 80 के दशक में उठी खालिस्तान की मांग, 90 के दशक में जम्मू और और कश्मीर का महौल बिगड़ना, 60 में नक्सलियों का उदय और 50 के दशक में भाषा को लेकर उमड़ा विवाद। देश में कई बड़े आंतरिक संकट मौजूद है जो बाह्य ताकतों से भी ज्यादा घाटक है। ऐसे में मोदी सरकार इन खतरों से निपटे का काम जमीनी स्तर पर कर रही हैं। यह दावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया है। 

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। शाह ने ‘राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस’ के मौके पर यहां चाणक्यपुरी क्षेत्र में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में शीर्ष पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कमांडरों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में, हमने सशस्त्र बलों (अफस्पा के तहत) को दी गई विशेष शक्तियों को वापस ले लिया है और इसके बजाय वहां के युवाओं को विशेष अधिकार दिए हैं जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में हिंसा 70 प्रतिशत तक कम हुई है।’’

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अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात ऐसे हैं कि जो पहले सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंकते थे, वे अब ‘‘पंच’’ और ‘‘सरपंच’’ बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित राज्यों में एकलव्य स्कूलों में राष्ट्रगान गाया जा रहा है और उनकी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।

शाह ने कहा कि देशभर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बलिदान की वजह से ही भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। इन कर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान इन्होंने अग्रिम भूमिका निभाई। ‘पुलिस स्मृति दिवस’, लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में 1959 में चीन के आक्रमण की जवाबी कार्रवाई के दौरान जान गंवाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 10 जवानों की याद में मनाया जाता है।

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