बर्फबारी के बीच बढ़ी मुसीबत: जम्मू-कश्मीर के 5 जिलों में हिमस्खलन का खतरा, प्रशासन सतर्क

जम्मू कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हाल में हुई भारी बर्फबारी के मद्देनजर बुधवार को इस केंद्र शासित प्रदेश के पांच जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गयी। अधिकारियों ने बताया कि डोडा, गांदरबल, किश्तवाड़, पुंछ और रामबन जिलों के लिए कम खतरे वाली हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है।
जम्मू कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हाल में हुई भारी बर्फबारी के मद्देनजर बुधवार को इस केंद्र शासित प्रदेश के पांच जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गयी। अधिकारियों ने बताया कि डोडा, गांदरबल, किश्तवाड़, पुंछ और रामबन जिलों के लिए कम खतरे वाली हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान इन जिलों से 2,800 मीटर ऊपर हिमस्खलन होने की आशंका है। लोगों से हिमस्खलन की आशंका वाले इलाकों से बचने और सरकार की ओर से जारी परामर्श का पालन करने को कहा गया है। जम्मू कश्मीर के ज्यादातर ऊपरी इलाकों में इस हफ्ते हल्की से भारी बर्फबारी हुई है।
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हिमस्खलन क्या होता है?
हिमस्खलन, ढलान से तेज़ी से नीचे गिरने वाले पदार्थ का एक बड़ा ढेर। हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब ढलान पर मौजूद पदार्थ अपने आस-पास से अलग हो जाता है, यह पदार्थ फिर तेज़ी से इकट्ठा होता है और ढलान से नीचे और भी पदार्थ ले जाता है।
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हिमस्खलन कई तरह के होते हैं, जिनमें चट्टानी हिमस्खलन (जो टूटी हुई चट्टानों के बड़े टुकड़ों से बनता है), बर्फीला हिमस्खलन (जो आमतौर पर ग्लेशियर के पास होता है), और मलबा हिमस्खलन (जिसमें कई तरह के बिना जमे हुए पदार्थ होते हैं, जैसे ढीले पत्थर और मिट्टी) शामिल हैं। बर्फीले हिमस्खलन, जो इस लेख का मुख्य विषय है, कई पहाड़ी इलाकों में एक आम घटना है।
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