अशोक गहलोत का बड़ा आरोप, कहा- भाजपा का बस चले तो कभी भी सरकार गिरा दे
भाजपा विधायकों ने विधानसभा सत्र का सत्रावसान किए बिना सदन की बैठक दुबारा बुलाए जाने पर आपत्ति जताते हुए सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के कार्यालय में धरना दिया। गहलोत ने इस बारे में कहा कि ये (भाजपा विधायक) विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में धरना दे रहे हैं, लेकिन इनसे पूछो कि ये नौबत क्यों आ रही है?
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भाजपा विधायकों ने विधानसभा सत्र का सत्रावसान किए बिना सदन की बैठक दुबारा बुलाए जाने पर आपत्ति जताते हुए सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के कार्यालय में धरना दिया। गहलोत ने इस बारे में कहा कि ये (भाजपा विधायक) विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में धरना दे रहे हैं, लेकिन इनसे पूछो कि ये नौबत क्यों आ रही है? विधानसभा (की बैठक) निरंतर क्यों रखी गई ..? उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकारें गिरा रहे हैं जैसे कि पहले अरुणाचल प्रदेश और कनार्टक फिर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र ... अब इनकी दृष्टि कई जगह पर है, झारखंड में भी प्रयास कर रहे हैं। जुलाई 2020 में विधानसभा सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को राज्यपाल कलराज मिश्र ने तीन बार लौटा दिया था। इसकी ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि पिछली बार राज्यपाल महोदय को इन्होंने मजबूर कर दिया। उन्होंने कैबिनेट विधानसभा बुलाने के लिए आग्रह करती है तो राज्यपाल को विधानसभा बुलानी पड़ती है, तब राज्यपाल के खिलाफ इतने आलेख लिखे गए कि इतना इतिहास में कभी नहीं हुआ।
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गहलोत ने कहा, ‘‘ हमने जानबूझकर विधानसभा की बैठक निरंतर रखी, हमने तो इनकी चलने नहीं दी वरना इनका बस चले तो ये तो कभी भी सरकार गिरा दें।’’ गहलोत ने कहा कि विधानसभा की बैठक निरंतर जारी रखने का नुकसान भी हमें हुआ, क्योंकि हम कई अध्यादेश लाते, लेकिन ला नहीं पाए, लेकि आज ये धरना देकर नाटक कर रहे हैं। गोवंश में लंपी चर्म रोग को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा द्वारा सरकार को घेरे जाने पर गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है कि लम्पी चर्म रोग से गायों की जान कैसे बचे, लेकिन टीका और दवाएं भारत सरकार देगी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वह भारत सरकार से मांग कर रहे हैं कि इसको राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।
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