अशोक गहलोत बोले, किसानों से खुद बात करें प्रधानमंत्री मोदी

Ashok Gehlot

गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में कई बार फैसले बदले जाते हैं। गहलोत ने किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के दौरान 26 जनवरी को नयी दिल्‍ली में हुई हिंसक घटनाओं पर कहा कि जो कुछ भी हुआ उसका कोई समर्थन नहीं कर सकता, हम उसकी निंदा करते हैं

जयपुर। राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि देश में किसानों के इतने दिन तक आंदोलन पर बैठे रहना देशहित में नहीं हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद किसानों से बात करनी चाहिए। गहलोत ने इस आंदोलन के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘ मैं समझता हूं कि अब भी मौका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं किसानों को बुलाकर बातचीत करें, रास्ता कोई निकल सकता है। लंबे समय तक इस प्रकार का आन्दोलन उचित नहीं कहा जा सकता और देश के हित में भी नहीं है।’’

उन्‍होंने कहा कि जिनको अन्नदाता कहते हैं उनकी अपनी आशंकाएं हैं, वे चिंतित हैं खुद के लिए, अपने परिवार के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए, तो स्वाभाविक है कि इस प्रकार का माहौल बनता है। इस आंदोलन का जल्‍द समाधान निकालने की बात करते हुए गहलोत ने कहा,‘‘ मैं उम्मीद करता हूं प्रधानमंत्री खुद गौर करेंगे। कृषि मंत्री के साथ वार्ताओं का लंबा दौर चल चुका है और मैं समझता हूं कि यह कोई ‘प्रतिष्‍ठा का सवाल’ नहीं होना चाहिए।’’ 

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गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में कई बार फैसले बदले जाते हैं। गहलोत ने किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के दौरान 26 जनवरी को नयी दिल्‍ली में हुई हिंसक घटनाओं पर कहा कि जो कुछ भी हुआ उसका कोई समर्थन नहीं कर सकता, हम उसकी निंदा करते हैं क्योंकि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होता है और कुछ समाजकंटक तत्‍वों ने जिस प्रकार से लाल किले पर तमाश किया, उसकी सबने घोर निंदा की है और हम चाहेंगे कि किसान शांति के साथ बात रखें, पूरे देश के किसान उनके साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में जो रुख अख्तियार किया है उसे उचित नहीं कहा जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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