हम अलग कब थे...सचिन पायलट को गद्दार-निकम्मा कह चुके अशोक गहलोत के बदले सुर

 Ashok Gehlot
@ashokgehlot51
अभिनय आकाश । Jun 11 2025 4:12PM

पायलट के पिता दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित एक समारोह में गहलोत ने कहा हम कब अलग हुए हैं? हम हमेशा साथ रहते हैं और बहुत प्यार करते हैं। यह केवल मीडिया ही कहता है कि हमारे बीच दूरियां हैं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने को दावा किया कि वह अपने सहयोगी और कांग्रेस नेता सचिन पायलट से “कभी दूर नहीं” थे। आपको बता दें कि पायलट ने जुलाई 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाया था।पायलट और 18 कांग्रेस विधायकों के गहलोत के खिलाफ विद्रोह ने एक महीने तक चलने वाले संकट को जन्म दिया। यह संकट तब सुलझ गया जब कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट को उपमुख्यमंत्री और राज्य पार्टी प्रमुख के पद से हटा दिया। पायलट के पिता दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित एक समारोह में गहलोत ने कहा हम कब अलग हुए हैं? हम हमेशा साथ रहते हैं और बहुत प्यार करते हैं। यह केवल मीडिया ही कहता है कि हमारे बीच दूरियां हैं। 

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सचिन पायलट ने शनिवार को गहलोत से उनके जयपुर स्थित आवास पर मुलाकात की और उन्हें समारोह में आमंत्रित किया। दो घंटे तक चली यह मुलाकात 2020 के विद्रोह के बाद उनकी पहली ऐसी मुलाकात थी, जो कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच सुलह का संकेत देती है। बुधवार को दिवंगत राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर पांच साल में पहली बार गहलोत और पायलट ने मंच साझा किया। समारोह में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विपक्ष के नेता टीकाराम जूली, पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सांसद हरीश चौधरी और मुरारी लाल मीना समेत कई नेता शामिल हुए। 

गहलोत ने कहा कि राजेश पायलट उन्हें बहुत जल्दी छोड़कर चले गए और उनके जाने का दर्द हमेशा बना रहेगा। हमें उनका प्यार आज भी याद है। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। हम 18 साल तक संसद सदस्य के तौर पर साथ रहे। सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता वेद प्रकाश सोलंकी ने बुधवार को राजस्थान और पार्टी के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। "सालों से बंटे हुए कई पार्टी कार्यकर्ता सचिन पायलट और अशोक गहलोत की इस मुलाकात के बाद एकजुट होकर मुस्कुराए। हम हमेशा पायलट के साथ खड़े रहे...कांग्रेस के सभी सच्चे कार्यकर्ता दौसा में थे और उन्होंने दोनों नेताओं को एक साथ देखने के लिए आने का निमंत्रण स्वीकार किया। वे सभी कांग्रेस को फिर से एकजुट होते देखने आए थे।

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