असम : अतिक्रमणकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में दो की मौत, सरकार ने दिए न्यायिक जांच के आदेश

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गृह एवं राजनीतिक विभाग के सचिव देबप्रसाद मिश्रा की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि इस घटना की जांच गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी। इस घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है।

असम के दरांग जिले के सिपाझार में बृहस्पतिवार को पुलिस ने अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने की कोशिश के दौरान गोलियां चलाईं जिसमें दो लोगों की मौत हो गई।

पुलिस के साथ हुई झड़पों में करीब 20 लोग घायल हो गए। इस घटना का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें छाती पर गोली के घाव के निशान वाले एक व्यक्ति को कैमरा लिए व्यक्ति पीटता हुआ दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार ने इस घटना को लेकर जनता के बढ़ते गुस्से के मद्देनजर घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की घोषणा की है।

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गृह एवं राजनीतिक विभाग के सचिव देबप्रसाद मिश्रा की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि इस घटना की जांच गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी। इस घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस की कार्रवाई को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित गोलीबारी करार दिया। लगभग 800 परिवारों के पुनर्वास की मांग को लेकर जनता का विरोध शुरू हो गया था, इन लोगों का दावा है कि जिस जमीन पर वे दशकों से रह रहे थे उससे उन्हें बेदखल कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के छोटे भाई एवं दरांग के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने धारदार हथियारों से पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों पर हमला कर पथराव भी किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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