आठवले को पैसे की मांग संबंधी धोखाधड़ी का फोन आया, सतर्क कर्मी ने बचाया

Ramdas Athawale
ANI

आठवले ने कहा, “इसके बाद मेरे सहायक सचिन भाटी ने पड़ताल की और पाया कि कॉल करने वाला धोखेबाज था। सचिन ने मुझसे कोई भी पैसा नहीं भेजने को कहा।

 केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को कहा कि एक व्यक्ति ने फोन पर उन्हें दुर्घटना की झूठी कहानी सुनाकर ठगने की कोशिश की लेकिन उनके सहायक की सतर्कता के कारण वह बच गये।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि कल (शुक्रवार को) जब उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया, तो वह बिहार में थे। आठवले ने बताया कि उसने (फोन करने वाले व्यक्ति ने) खुद को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के शिरडी का शिक्षक बताया।

आठवले ने शिरडी में संवाददाताओं से कहा, “फोन करने वाले व्यक्ति ने दावा किया कि उसके स्कूल के विद्यार्थियों को ले जा रही एक गाड़ी गोंदिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, जिस कारण आठ से 10 विद्यार्थी घायल हो गए हैं। उसने उनके इलाज के लिए जी-पे (गूगल पे) के जरिए पैसे मांगे। मैंने गोंदिया में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को फोन करके इसकी जांच करने और मदद करने को कहा।

इसके तुरंत बाद (फिर) मुझे फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने दावा किया कि दुर्घटना भंडारा में हुई है और बच्चों को मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी गई है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें कुछ गड़बड़ लगी क्योंकि विदर्भ का सबसे बड़ा शहर नागपुर मुंबई की तुलना में भंडारा के ज्यादा नजदीक है। आठवले ने कहा, “इसके बाद मेरे सहायक सचिन भाटी ने पड़ताल की और पाया कि कॉल करने वाला धोखेबाज था। सचिन ने मुझसे कोई भी पैसा नहीं भेजने को कहा। मुझे पुलिस से यह भी पता चला कि शिरडी के किसी भी स्कूल ने गोंदिया यात्रा का आयोजन नहीं किया है। जिस नंबर से फोन आया था, मैं उसे गहन जांच के लिए गृह विभाग को दे दूंगा।

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