कब थमेगा राजस्थान का सियासी घमासान ? गहलोत और पायलट खेमे के नेताओं के बीच जारी है वार-पलटवार

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प्रतिरूप फोटो

गहलोत खेमे के विधायक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला ने गुरुवार को कहा था कि अशोक गहलोत ही राजस्थान की कांग्रेस हैं और वो ही मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि सचिन पायलट को कांग्रेस ने जितना सम्मान दिया है, वह कहीं और नहीं मिलता।

जयपुर। राजस्थान में सियासी घमासान जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के गुट आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में 9 पद खाली हैं, जिसके बाद पायलट खेमे के भी विधायक गहलोत का राग अलापने लगे हैं। लेकिन अंतर्कलह के चलते कांग्रेस नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। 

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गहलोत खेमे के विधायक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला ने गुरुवार को कहा था कि अशोक गहलोत ही राजस्थान की कांग्रेस हैं और वो ही मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि सचिन पायलट को कांग्रेस ने जितना सम्मान दिया है, वह कहीं और नहीं मिलता।

पायलट खेमे का पलटवार

सचिन पायलट खेमे के कांग्रेसी नेता सुभाष मील ने पलटवार करते हुए कहा कि जिन्होंने कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़ा हो वो कैसे नसीहत दे सकते हैं। आपको बता दें कि टिकट नहीं मिलने पर सुभाष सिंह खंडेला ने कांग्रेस के खिलाफ ही मोर्चा खोलते हुए चुनाव लड़ा था। कांग्रेस सरकार में खंडेला को केंद्रीय मंत्री तक रह चुके हैं।

सुभाष मील ने कहा कि टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस के खिलाफ लड़ने वाले नेताओं को सचिन पायलट को नसीहत देने से पहले खुद के गिरेबान में झांकना चाहिए। 

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उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में 9 पद खाली पड़े हैं। जिनमें से कुछ पद तो पायलट खेमे के विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद खाली हुए थे और अब वह अपने खेमे के 6 से 7 विधायकों को वापस मंत्रिमंडल में देखना चाहते हैं लेकिन यह इतना आसान नहीं होने वाला है क्योंकि 18 निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी टकटकी लगाए हुए बैठे हुए हैं। बीते दिनों तो बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने कहा था कि सरकार का साथ देने वाले विधायकों को इनाम मिलना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गहलोत मंत्रिमंडल में खाली पड़े 9 पदों पर किसकी नियुक्ति होती है।

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