विवादों में फंसी कोविड-19 के उपचार वाली पतंजलि दवा, बाबा रामदेव ने कहा- कोई नियम नहीं तोड़ा

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पतंजलि आयुर्वेद ने ट्वीट किया है, ‘‘इसमें भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है।’’ कंपनी की तरफ से किए अपने ट्वीट में पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा, ‘‘दो चीजें साफ हैं- अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी के औषधीय गुणों से संबंधित पारपंरिक ज्ञान और अनुभव के आधार पर दवाई बनाने का लाइसेंस लिया गया।’’

देहरादून। कोविड-19 के उपचार का दावा करते हुए बाजार में दवा उतारने के बाद सभी ओर से आलोचनाओं को सामना कर रही योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कहा कि उसने कोई नियम-कानून नहीं तोड़ा है। कंपनी ने आज यह कहते हुए अपना बचाव किया कि उसने कोरोनिल टैबलेट सभी कानूनी नियमों का अनुपालन करते हुए बाजार में उतारी है और इस आयुर्वेदिक दवाई के लेबल पर कोई गैर कानूनी दावा नहीं किया गया है। 

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पतंजलि आयुर्वेद ने ट्वीट किया है, ‘‘इसमें भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है।’’ कंपनी की तरफ से किए अपने ट्वीट में पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा, ‘‘दो चीजें साफ हैं- अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी के औषधीय गुणों से संबंधित पारपंरिक ज्ञान और अनुभव के आधार पर दवाई बनाने का लाइसेंस लिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘कोरोना मरीजों पर कानूनी रूप से किए गये क्लिनिकल परीक्षण के सकारात्मक परिणाम साझा किए गये। एक अन्य टवीट में कंपनी ने कहा कि दवा के लेबल पर कोई गैरकानूनी दावा नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘ दवा का उत्पादन और उसकी बिक्री सरकार द्वारा बनाए गये नियमों के अनुसार ही की गयी, न कि किसी के व्यक्तिगत विश्वास या विचारधारा के आधार पर। ’ ट्वीट में कहा गया है कि पतंजलि ने सभी वैधानिक पहलुओं का पालन किया है। इसमें लोगों से मामले पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचने का आग्रह भी किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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