बंगाल: राज्यपाल रात दो बजे विधानसभा सत्र को लेकर अपने रुख पर अडिग, कही ये बाात

 Jagdeep Dhankhar

धनखड़ के ओएसडी (विशेष अधिकारी) द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है, पश्चिम बंगाल विधानसभा की बैठक बुलाने के मामले में राज्यपाल केवल राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश पर काम करते हैं। ऐसे मामलों में कोई भी कैबिनेट का ‘चेहरा’ या प्रतिनिधि’ नहीं हो सकता है।

कोलकाता,  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ शनिवार को अपने उस रुख पर कायम रहे कि सात मार्च को विधानसभा सत्र दो बजे रात की बजाय दो बजे दोपहर से शुरू करने पर उनके विचार करने के लिए कैबिनेट सिफारिश की जरूरत है। राजभवन द्वारा जारी बयान में कहा गया कि सिफारिश पर तुरंत ध्यान दिया जाएगा, लेकिन कोई अन्य व्यक्ति कैबिनेट का प्रतिनिधि नहीं हो सकता है। मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी ने 24 फरवरी को राज्यपाल को लिखा था कि राज्य कैबिनेट की सिफारिश में विधानसभा सत्र को बुलाने का समय रात दो बजे होने का उल्लेख अनजाने में हुई टाइप की त्रुटि थी।

उन्होंने अनुरोध किया था कि सदन की बैठक का समय उसी दिन दोपहर दो बजे कर दिया जाये। मुख्य सचिव के अनुरोध को खारिज करते हुये बयान में कहा गया कि सात मार्च को विधानसभा सत्र आयोजित करने के वर्तमान समय (रात दो बजे से दोपहर दो बजे) में बदलाव पर राज्यपाल के विचार करने के लिए कैबिनेट का निर्णय आवश्यक है। कैबिनेट की ऐसी सिफारिश के बाद ही इस मामले का हल निकल सकेगा।

धनखड़ के ओएसडी (विशेष अधिकारी) द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है, पश्चिम बंगाल विधानसभा की बैठक बुलाने के मामले में राज्यपाल केवल राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश पर काम करते हैं। ऐसे मामलों में कोई भी कैबिनेट का ‘चेहरा’ या प्रतिनिधि’ नहीं हो सकता है। बयान में कहा गया कि मुख्य सचिव के अनुरोध को स्वीकार करना संविधान का घोर उल्लंघन होगा। वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने इस बारे में पूछने पर कहा, ‘‘मैं इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।

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