बेंगलुरु दंगे पर तथ्यान्वेषी कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा, पूर्व नियोजित और सांप्रदायिक रूप से प्रेरित था दंगा

Bengaluru riot

‘सिटिजन्स फॉर डेमोक्रेसी’ जिम्मेदार नागरिकों का एक मंच है जिसका दावा है कि वह देश के नागरिकों के लोकतांत्रिक मूल्यों और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। वर्ष 2011 में शुरुआत के बाद इसने राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व के विषयों पर विभिन्न सेमिनार, अभियान चलाए हैं।

बेंगलुरु। ‘सिटिजन्स फॉर डेमोक्रेसी’ ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को सौंपी गयी अपनी तथ्यान्वेषी रिपोर्ट में कहा है कि बेंगलुरु में हालिया हिंसा ‘‘पूर्व नियोजित और संगठित’’ तौर पर अंजाम दी गयी तथा ‘‘निस्संदेह यह सांप्रदायिक रूप से प्रेरित थी।’’ ‘सिटिजन्स फॉर डेमोक्रेसी’ ने कहा कि 11 अगस्त की रात दंगों के दौरान खासकर इलाके में कुछ प्रमुख हिंदुओं को निशाना बनाया गया तथा समूची घटना ‘‘राज्य के खिलाफ दंगा’’ की तरह था, जिसका मकसद राज्य के प्रति आम लोगों के भरोसे को घटाना था। ‘सिटिजन्स फॉर डेमोक्रेसी’ जिम्मेदार नागरिकों का एक मंच है जिसका दावा है कि वह देश के नागरिकों के लोकतांत्रिक मूल्यों और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। वर्ष 2011 में शुरुआत के बाद इसने राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व के विषयों पर विभिन्न सेमिनार, अभियान चलाए हैं। 

इसे भी पढ़ें: डीके शिवकुमार ने फोन टैपिंग का शक जताया, गृह मंत्री ने आरोपों को किया खारिज 

संगठन ने एक बयान में कहा कि हालिया हिंसा पर गौर करने के लिए समाज के अग्रणी प्रतिनिधियों की एक तथ्यान्वेषी समिति बनायी गयी। इसका उद्देश्य बिना किसी भेदभाव या राजनीतिक हित के तटस्थ होकर घटना की पड़ताल करना था। सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश श्रीकांत डी बाबालाडी की अध्यक्षता वाली तथ्यान्वेषी समिति में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मदन गोपाल, सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी आर राजू समेत सेवानिवृत्त नौकरशाह, पत्रकार, वकील, प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। मदन गोपाल के नेतृत्व में कमेटी के सदस्यों ने शुक्रवार को येदियुरप्पा को रिपोर्ट सौंपी।

रिपोर्ट में कहा गया कि उसके अनुमान के मुताबिक हिंसा के दौरान 36 सरकारी वाहनों, करीब 300 निजी वाहनों और कई मकानों में तोड़फोड़ की गयी। कमेटी ने कहा कि 10 से 15 करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान है। कमेटी ने कहा कि प्राथमिकी और पीड़ितों के बयानों के आधार पर पाया गया कि स्थानीय लोग भी हिंसा में शामिल थे। स्थानीय लोग ना केवल घटना में शामिल थे बल्कि पहले से उन्हें इस बारे में पता भी था। कमेटी ने कहा, ‘‘इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के तौर पर पेश करने का प्रयास किया गया लेकिन यह निस्संदेह सांप्रदायिक रूप से प्रेरित हिंसा थी।’’ 

इसे भी पढ़ें: शिवकुमार का भाजपा सरकार पर आरोप, कहा- बेंगलुरू हिंसा मामले में कांग्रेस नेताओं को बना रही निशाना 

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘जिन लोगों और घरों को निशाना बनाया गया, उस आधार पर कमेटी की राय है कि दंगा का मकसद दहशत कायम करना था ताकि जनसांख्यिकी में बदलाव हो और इसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र बना दिया जाए। ’’ कमेटी ने कहा कि यह भी देखा जा सकता है कि इस घटना की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में कथित तौर पर एसडीपीआई और पीएफआई की संलिप्तता थी। पुलकेशीनगर के कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार पी नवीन के सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ पोस्ट के बाद डी जे हल्ली और आसपास के इलाके में 11 अगस्त की रात हिंसा भड़क गयी थी। दंगाइयों ने विधायक के घर और डी जे हल्ली में एक पुलिस थाने में आग लगा दी थी। घटना के दौरान पुलिस वाहनों तथा निजी गाड़ियों में भी आग लगा दी गयी थी। हिंसा के मामले में अब तक 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा जा चुका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़