भरूच विधानसभा सीट को किसी समय में थी कांग्रेस का गढ़ अब बीजेपी का है कब्जा
भरूच केमिलकल्स इंडस्ट्री के लिए भारत भर में मशहूर है। भरूच के केमिकल्स देश भर में सप्लाई किए जाते है। ये सीट किसी समय में कांग्रेस का गढ़ थी मगर कई वर्षों से अब यहां भाजपा का कब्जा हो गया है। ये सीट इंडस्ट्रियल जिला के तौर पर मशहूर है।
गुजरात के भरूच विधानसभा सीट ऐसी सीट है जो पिछले कई चुनावों से भाजपा का गढ़ रही है। इस सीट पर वर्ष 1990 से ही भाजपा का कब्जा रहा है। इस वर्ष आम आदमी पार्टी भी इस सीट से चुनाव मैदान में है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल का किसी समय में ये इलाका गढ़ माना जाता था।
हालांकि कांग्रेस पार्टी को बीते 32 वर्षों से यहां जीत का स्वाद नहीं मिला है। माना जाता है कि आज के समय में ये सीट इंडस्ट्रियल जिला के तौर पर मशहूर है, जहां उद्योग जगत में कार्यरत कर्मचारियों की भरमार है। इस सीट पर आज के समय में लोग उम्मीदवार की जगह पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर ही अपना वोट देते है। इस सीट पर वर्तमान में दुष्यंतभाई रजनीकांत पटेल विधायक हैं जो इस सीट पर पिछले 3 चुनाव से विधायक पद पर काबिज रहे है।
वर्ष 2017 के चुनावों की बात की जाए तो इस सीट पर भाजपा के दुष्यंतभाई रजनीकांत पटेल और कांग्रेस के जयेशभाई अंबालाल पटेल आमने सामने थे। हालांकि दुष्यंतभाई पटेल ने कांग्रेस उम्मीदवार को 99 हजार 699 वोट पाकर हराया था।
इस सीट पर वर्तमान में मुस्लिम और आदिवासी मतदाताओं का वर्चस्व है। इसके बाद भी ये ऐसी सीट है जहां भाजपा का कब्जा लंबे समय से है। अन्य पार्टियां इस सीट को भाजपा की झोली से नहीं निकाल सकी है। इस सीट पर कुल मतदाता दो लाख 93 हजार 32 है। इसमें एक लाख 49 हजार 550 पुरुष और एक लाख 43 हजार 459 महिला मतदाता है।
ऐसा है नगर का इतिहास
भरूच की बात की जाए तो इसकी स्थापना भृगु ऋषि ने की थी। जानकारों के मुताबिक इस नगर का इतिहास लगभग 8000 वर्ष पुराना है। यहां नर्मदा नदी के ऊपर अंग्रेजों द्वारा गोल्डन ब्रिज का निर्माण किया गया था। भरूच केमिलकल्स इंडस्ट्रीज़ के लिए भारत भर में मशहूर है। यहां से देश भर में केमिकल की सप्लाई होती है। भरूच के केमिकल का उपयोग बड़ी बड़ी दवाई कंपनियों की दवाइयों के उत्पादन में होता है। इसके अलावा भरूच में गैस उत्पादन और सप्लाई भी की जाती है।
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