एजीएल मामले में हुड्डा ने अपने पद का दुरूपयोग कियाः ईडी

Bhupinder Singh Hooda used his power in AGL case
[email protected] । Jul 20 2017 2:50PM
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कथित रूप से अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरूपयोग किया।

चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कथित रूप से अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरूपयोग करते हुए पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) को वर्ष 2005 में अवैध रूप से एक भूखंड पुन: आवंटित किया। एजीएल के अध्यक्ष और कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा ने निदेशालय द्वारा दर्ज प्रवर्तन मामला जांच रिपोर्ट (ईसीआईआर) को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय ने यह जवाब दिया है।

निदेशालय ने बुधवार को एक हलफनामा दायर कर अदालत को बताया था कि हुड्डा ने याचिकाकर्ता को भूखंड पुन: आवंटित करने के लिए अपनी स्थिति का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया और उसे ‘‘गलत ढंग से फायदा पहुंचाया’’ जिससे सरकारी खजाने को घाटा पहुंचा। ईडी ने अदालत को बताया कि जांच में पता चला है कि वर्ष 2005 में जब हुड्डा मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने वर्तमान नीति और कानूनी स्थिति का उल्लंघन करते हुए कथित तौर पर भूखंड पुन: आवंटित किया।

हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) और टाउन ऐंड कंट्री प्लानिंग विभाग के वित्तीय आयुक्त ने एजीएल को पंचकूला में भूखंड आवंटित करने के खिलाफ सलाह दी थी लेकिन हुड्डा ने याचिकाकर्ता को लाभ पहुंचाने के लिए दोनों सरकारी विभागों के सुझावों की अनदेखी की। एजीएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशक है और मोती लाल वोरा इसके अध्यक्ष हैं।

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