कोरोना संकट का सबसे बड़ा संदेश, हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा: मोदी

Modi

कोरोना महामारी ने हमारे लिए अनेक मुसीबतें पैदा की हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की थी। लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इस महामारी ने हमें नई शिक्षा और संदेश भी दिया है।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस संकट से निपटने में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संकट का सबसे बड़ा संदेश और सबक यह है कि हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस’ पर ग्राम पंचायतों के सरपंचों और अध्यक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद करते हुए कहा, ‘‘ कोरोना महामारी ने हमारे लिए अनेक मुसीबतें पैदा की हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की थी। लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इस महामारी ने हमें नई शिक्षा और संदेश भी दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।’’ मोदी ने कहा कि अब यह देखना बहुत जरूरी हो गया है कि गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कैसे आत्मनिर्भर बनें, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने... अब ये बहुत आवश्यक हो गया है। मोदी ने कहा कि कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संकट में गांव देहात से प्ररेणादायी बातें सामने आयी हैं।

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 उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से कहा कि आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। मोदी ने कहा कि इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय उनसे टकरा रहा है। मोदी ने इस अवसर पर एकीकृत ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप के साथ ही स्‍वामित्‍व योजना भी शुरू की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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