Bihar: आरक्षण पर तेजस्वी यादव को चिराग पासवान ने दी चेतावनी, कहा- झूठ बोलना बंद करें, वरना...

Chirag Paswan
ANI
अंकित सिंह । May 3 2024 3:21PM

मंच से भी चिराग ने कहा कि आरक्षण पर झूठ बोलना और भ्रम फैलाना बंद कीजिए तेजस्वी यादव जी, नहीं तो मजबूरन मुझे भी आप पर कार्रवाई करनी पड़ सकती है। साथियों, ये डर और झूठ फैलाने का काम जो लोग करते हैं उनसे हमलोगों को सावधान रहने की जरूरत है।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आरक्षण पर पूर्व रुख के बारे में "झूठे" बयान देने के लिए शुक्रवार को राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। रैलियों में, खासकर हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में, जहां से पासवान चुनाव लड़ रहे हैं, यादव दावा कर रहे हैं कि एलजेपी (आर) प्रमुख ने संपन्न दलितों के लिए आरक्षण खत्म करने की वकालत की है। पत्रकारों ने जब पासवान का ध्यान इस बयान की ओर दिलाया तो उन्होंने कहा, "यह झूठ है. तेजस्वी यादव रैली दर रैली कर झूठ बोल रहे हैं. उन्हें इसे रोकना होगा, नहीं तो मैं कानूनी कार्रवाई का सहारा ले सकता हूं।"

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वहीं, मंच से भी चिराग ने कहा कि आरक्षण पर झूठ बोलना और भ्रम फैलाना बंद कीजिए तेजस्वी यादव जी, नहीं तो मजबूरन मुझे भी आप पर कार्रवाई करनी पड़ सकती है। साथियों, ये डर और झूठ फैलाने का काम जो लोग करते हैं उनसे हमलोगों को सावधान रहने की जरूरत है। चिराग पासवान ने धूमधाम के साथ बृहस्पतिवार को हाजीपुर लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। जमुई संसदीय क्षेत्र से मौजूदा सांसद चिराग पासवान ने इसबार अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के पुराने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में उनके उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए यहां से चुनाव मैदान में उतरे हैं। 

चिराग ने पहने संबोधन में कहा कि मैं हाजीपुर में नेता नहीं, बेटा बनकर आया हूं। मेरे नेता और मेरे पिता के 'सपनों का हाजीपुर' बनाने के संकल्प के साथ आया हूं। देश ही नहीं, दुनिया के कोने-कोने में हाजीपुर की वजह से मेरे आदरणीय पिता को पहचान मिली कि ये वही नेता हैं, जिन्होंने हाजीपुर से जीतकर 'गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज किया है। मेरे नेता और मेरे पिता श्रद्धेय रामविलास पासवान जी भी अपनी अंतिम सांस तक हाजीपुर की फ़िक्र करते रहे, कि कैसे आप लोगों की सेवा कर सकें, आपके सपने पूरे कर सकें। 

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उन्होंने रामविलास पासवान को याद करते हुए कहा कि पापा मेरा हाथ पकड़कर नामांकन कराने ले जाते थे। आज उनकी बहुत कमी महसूस हो रही है। यह पहली बार है जब मैंने अपने नेता और पिता श्रद्धेय रामविलास पासवान जी के बिना नामांकन किया है। साल 2014 हो या साल 2019 हो, नॉमिनेशन में हमेशा पापा मेरा हाथ थामे होते थे, आज भी वो तस्वीर जेहन में ताजा है। आज पापा ही ये ताकत देते हैं कि चुनावी रण में उतरकर, उनके अधूरे कार्यों को पूरा कर सकूं, उनके सपने को साकार कर सकूं। 

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