दिशा रवि की गिरफ्तारी पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने, दिल्ली पुलिस ने कहा- हमारे पास पर्याप्त सबूत

BJP and Congress
अंकित सिंह । Feb 15 2021 9:25AM

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या 22 साल की छात्रा देश के लिए खतरा बन गई है। उन्होंने कहा कि तो इसका मतलब है कि भारतीय राज्य बहुत ही कमजोर नींव पर खड़ा है।

नयी दिल्ली। किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिटसोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता से जुड़े मामले में दिल्ली की एक अदालत ने रविवार को 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की टीम ने शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद से राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है वहीं सरकार की ओर से भी विपक्ष पर पलटवार किया गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने दिशा रवि  की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या 22 साल की छात्रा देश के लिए खतरा बन गई है। उन्होंने कहा कि तो इसका मतलब है कि भारतीय राज्य बहुत ही कमजोर नींव पर खड़ा है। एक के बाद एक ताबड़तोड़ ट्वीट में पी चिदंबरम ने कहा कि इस देश में किसानों का समर्थन करने के लिए जारी किया गया एक टूल किट चीनी सैनिकों के घुसपैठ से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत बचकानी और बकवास हरकतें कर रहा है और यह दुखद है कि दिल्ली पुलिस उत्पीड़कों का हथियार बन गई है। कांग्रेस के जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि यह पूरी तरह से अत्याचार है। यह अनुचित उत्पीड़न और धमकी है। मैं दिशा रवि के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता हूं। आनंद शर्मा ने भी ट्वीट कर कहा कि पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाली है। बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड के किसी युवती से हिरासत में पूछताछ उचित नहीं हो सकता। कांग्रेस नेताओं के इस ट्वीट के बाद भाजपा की ओर से पलटवार किया गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सब टूल एक ही किट के चट्टे बट्टे हैं। दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि रवि टूलकिट गूगल दस्तावेज का संपादन करने वाली एडिटर थीं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।’’ पुलिस ने दावा किया कि रवि और अन्य ने ‘‘भारत के खिलाफ असंतोष फैलाने के लिए खालिस्तान समर्थक पाएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिलकर काम किया।

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