भाजपा ने प्रशांत किशोर को हटाए जाने की मांग की
सुशील मोदी ने कहा कि प्रशांत किशोर को परामर्शी के नाते राज्य के सर्वागीण विकास से संबंधित नीतियों, संकल्पों एवं कार्यक्रम के निर्धारण एवं प्रभावी और परिणामोन्मुख कार्यान्वयन तथा निर्धारित समयाधि में लक्ष्य की प्राप्ति का दायित्व दिया है।
पटना। भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नीति एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन के परामर्शी के पद से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को हटाए जाने की मांग की। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को परामर्शी के नाते राज्य के सर्वागीण विकास से संबंधित नीतियों, संकल्पों एवं कार्यक्रम के निर्धारण एवं प्रभावी और परिणामोन्मुख कार्यान्वयन तथा निर्धारित समयाधि में लक्ष्य की प्राप्ति का दायित्व दिया है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 के वास्ते बिहार के लिए विजन डाक्युमेंट बनाने के लिए सिटिजन अलाएंस प्रा0 लि0 को राज्य के 39073 गांव एवं 02 हजार हाट में सामान्य जन से बातचीत कर डाक्युमेंट बनाने का काम दिया था। उन्होंने कहा कि विजन डाक्युमेंट बनाने के लिए 9 करोड 31 लाख रुपये का भुगतान सिटिजन अलाएंस प्रा0 लि0 को किया गया। सुशील ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि विजन डाक्युमेंट बनाने का काम हो रहा है और जिसके तैयार हो जाने पर उसे जारी किया जाएगा। उन्होंने सिटिजन अलाएंस प्रा0 लि0 को बिना विजन डाक्युमेंट तैयार किए 9 करोड का भुगतान कर दिये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक वर्ष से ज्यादा का समय हो गया पर विजन डाक्युमेंट का कहीं अता पता नहीं है।
सुशील ने कहा कि इस बीच केन्द्र सरकार 61 वर्ष से चली आ रही नेहरु काल की पंचवर्षीय योजना को समाप्त करने का निर्णय लिया है। नीति आयोग ने राज्यों को 15 साल का विजन डाक्युमेंट बनाने का सुझाव दिया है। इसके साथ 7 वर्ष का स्टेट्रजिक प्लान और 3 वर्ष का एक्शन प्लान तैयार करना है। उन्होंने कहा कि यूएनडीपी के अन्तर्गत 2030 तक के लिए 16 लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके अनुरुप भारत भी सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की रणनीति पर काम करेगा। सुशील ने कहा कि 09 करोड खर्च कर यदि राज्य सरकार बिहार एट द रेट आफर 2025 विजन डाक्युमेंट तैयार कर लिया होता तो 15 साल का विजन डाक्युमेंट बनाना आसान हो जाता। उन्होंने कहा कि उपरोक्त विजन डाक्युमेंट का काम जिस सिटिजन अलाएंस प्रा0 लि0 को दिया गया था उसका संबंध मुख्यमंत्री के परामर्शी नीति एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन से था। सुशील ने कहा कि प्रशांत किशोर को परामर्शी के नाते राज्य के सर्वागीण विकास से संबंधित नीतियों संकल्पों एवं कार्यक्रम के निर्धारण एवं प्रभावी और परिणामोन्मुख कार्यान्वयन तथा निर्धारित समयाधि में लक्ष्य की प्राप्ति का दायित्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि किशोर परामर्शी के नाते बिहार विकास मिशन के शासी निकाय के सदस्य भी हैं। शासी निकाय की गत 31 मई की बैठक में किशोर अनुपस्थित थे। पिछले 4 माह से किशोर बिहार से अनुपस्थित हैं। 19 जनवरी से परामर्शी नियुक्त होने के बाद वे मात्र एक-दो बार बिहार आए हैं। सुशील ने आरोप लगाया कि किशोर उत्तर प्रदेश और पंजाब में कांग्रेस से भारी रकम लेकर सलाहकार का दायित्व निर्वाह कर रहे हैं। पिछले दिनों आन्ध्र प्रदेश में वाईएसआर के अध्यक्ष वाईएस जगमोहन रेड्डी से भी 2018 के चुनाव के लिए सलाहकार का करार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि पिछले 8 माह में उनके परामर्शी ने बिहार के हित में उन्हें क्या क्या सलाह दी है। क्या ऐसी स्थिति में प्रशांत किशोर को परामर्शी के पद से त्यागपत्र नहीं दे देना चाहिए। विजन डाक्युमेंट बनाने में 9 करोड लेने के बावजूद यह डाक्युमेंट नहीं बनाने और अब परामर्शी का दायित्व निर्वाह नहीं करने के बावजूद किशोर के पद पर बने रहने का क्या औचित्य है।
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