Madhuban Assembly Seat: मधुबन सीट पर BJP के सामने दबदबा बनाए रखने की चुनौती, ऐसा रहा सियासी समीकरण

मधुबन विधानसभा सीट से 8 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से निवर्तमान विधायक राणा रंधीर को फिर टिकट दिया है। तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने संध्या रानी पर भरोसा जताया है। जन सुराज पार्टी की तरफ से शिव शंकर राय चुनावी मैदान में उतरे हैं।
बिहार की मधुबन विधानभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। पूर्वी चंपारण जिले की यह एक प्रतिष्ठापूर्ण सीट है। यह सीट शिवहर लोकसभा सीट के तहत आती है। सामान्य वर्ग की इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल में सीधा मुकाबला है। हालांकि साल 1957 के बाद से मधुबन सीट बिहार में कई बड़े बदलावों की गवाह रही है। मधुबन बिहार के गंगा मैदान का एक हिस्सा है, जोकि अपनी कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था और उपजाऊ भूमि के लिए मशहूर है। बिहार की मधुबन सीट पर 11 नवंबर को मतदान होना है।
किसके बीच मुकाबला
इस बार मधुबन विधानसभा सीट से 8 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से निवर्तमान विधायक राणा रंधीर को फिर टिकट दिया है। तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने संध्या रानी पर भरोसा जताया है। जन सुराज पार्टी की तरफ से शिव शंकर राय चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस बार एनडीए के सामने अपना 20 साल पुराना दबदबा बनाए रखने की चुनौती है।
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पिछले चुनावों का इतिहास
साल 2005 के बाद से इस विधानसभा सीट का सियासी रुख बदल गया है। यह एनडीए गठबंधन का एक मजबूत किला बन गई है। जेडीयू ने साल 2005 और 2010 में यहां से जीत हासिल की थी। फिर साल 2015 और 2020 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट को अपने नाम किया। लगातार दो बार जीत मिलने के साथ ही यहां पर बीजेपी की पैठ मजबूत हो गई है।
मधुबन विधानसभा सीट पर यादव, किसान, ब्राह्मण और अल्पसंख्यक मतदाताओं की तादात ज्यादा है। बिहार में कुल वोटरों की संख्या करीब 7.43 करोड़ है। जिनमें से करीब 3.92 करोड़ पुरुष मतदाता और 3.50 महिला मतदाता हैं। पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या 14 लाख के आसपास है।
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