BJP करने जा रही वरुण गांधी को दरकिनार, तलाशना शुरू किया विकल्प, 2024 में ओबीसी कैंडिडेट पर लगाएगी दांव

Varun Gandhi
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ये पहला मौका नहीं है जब बीजेपी ने इस तरह का कोई कदम उठाया है। इससे पहले पार्टी ने वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी बागी तेवर दिखा रहे फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी ने तवज्जो नहीं दी थी। वो लगातार पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे थे।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के पास आने पर बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी की बीजेपी से लंबे अर्से से अनबन चल रही जिस कारण वो समय समय पर बीजेपी के खिलाफ भी बयान देते रहे है। इन बयानों को देखते हुए पार्टी वरुण से किनारा कर सकती है। ऐसे में संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार लोकसभा चुनाव के लिए बदल सकती है।

जानकारी के मुताबिक वरुण गांधी के इन तेवरों से नाराज होने के कारण लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी ने विकल्प की तलाश भी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आगामी चुनावों के लिए पार्टी ओबीसी उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है। इसके लिए पार्टी ने स्थानीय विधायक के नाम पर मुहर लगाए जाने का मन भी बना लिया है। अगर भाजपा अपने इसी फैसले पर कायम रहती है तो ये वरुण गांधी के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। 

बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब बीजेपी ने इस तरह का कोई कदम उठाया है। इससे पहले पार्टी ने वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी बागी तेवर दिखा रहे फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी ने तवज्जो नहीं दी थी। वो लगातार पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे थे, इस कारण तत्काली पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह पार्टी ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा था। पार्टी द्वारा अनदेखी किए जाने से नाराज शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। वहीं इस चुनावों ने शत्रुघ्न सिन्हा जैसी ही हालत वरुण गांधी की होती दिख रही है।

बता दें कि भाजपा से वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं, जबकि उनकी मां मेनका गांधी सुल्तानपुर से सांसद है। गत दिनों मेनका गांधी भी अधिकारियों पर भड़कती नजर आई थी। हालांकि मेनका गांधी ने अपने बेटे की तरह मोदी सरकार के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। वहीं बीजेपी वरुण गांधी के बागी तेवरों को देखते हुए उन्हें इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरने का फैसला कर सकती है, जिसकी प्रबल संभावनाएं दिख रही है। 

कार्यक्रमों से भी बनाई दूरी

हाल ही में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने नौ वर्ष पूरे किए थे। इस दौरन महाजनसंपर्क अभियान चलाया गया था। इस दौरान सरकार के सांसदों ने अपने क्षेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित किए थे। वहीं वरुण गांधी इन कार्यक्रमों से नदारद रहे थे। उन्होंने इन कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया था।

हालांकि अब आधिकारिक ऐलान लोकसभा चुनावों को लेकर नहीं किया गया है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि पीलीभीत सीट को लेकर खुद वरुण गांधी भी उदासीन रवैया अपनाएं हुए हैं। उनसे कई बार अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की है मगर उनसे बात नहीं हो पा रही है।

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