मेरठ में भाजपा को लगा बड़ा झटका, एमएलसी रहे राजकुमार त्यागी ने रालोद का दामन थामा

Rajkumar Tyagi
राजीव शर्मा । Aug 14 2021 3:57PM

गढ़ रोड मीरा एंक्लेव निवासी राजकुमार ने कहा भाजपा सरकार जिस तरह किसानों का शोषण कर रही है, किसानों की अनदेखी हो रही है वो ठीक नहीं है। जिस जनसेवा के उद्देश्य से पार्टी स्थापित हुई थी वो अब गायब है, इसलिए बदलाव करना पड़ा।

मेरठ। साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मेरठ में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। जनसंघ के जमाने से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े पुराने कार्यकर्ता और किसानों का बड़ा चेहरा रहे प्रो. राजकुमार त्यागी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया। दिल्ली में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रो. राजकुमार त्यागी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराकर उनका स्वागत किया। गढ़ रोड मीरा एंक्लेव निवासी राजकुमार ने कहा भाजपा सरकार जिस तरह किसानों का शोषण कर रही है, किसानों की अनदेखी हो रही है वो ठीक नहीं है। जिस जनसेवा के उद्देश्य से पार्टी स्थापित हुई थी वो अब गायब है, इसलिए बदलाव करना पड़ा। 

इसे भी पढ़ें: मेरठ के भावनपुर में किसान की हत्या के बाद तनाव का माहौल, बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात 

40 साल से भाजपा में एक्टिव प्रो. त्यागी मेरठ में भाजपा पश्चिम क्षेत्र से 3 बार के क्षेत्रीय अध्यक्ष और 2 बार MLC रहे। मोदीनगर निवाड़ी गांव के मूल निवासी प्रो. त्यागी गढ़ रोड मीरा एंक्लेव में रहते हैं। पानीपत में पॉलिटकल साइंस के प्रोफेसर रहे हैं। बताते हैं 1962 में मेरे बाबाजी किशोरी लाल त्यागी ने जनसंघ से चुनाव लड़ा। दो बार चुनाव लड़ा मगर हार गए। युवावस्था में बाबाजी के साथ ही पार्टी से जुड़ा। 1987 से पूरी तरह एक्टिव हुआ। 1997 से 2008 तक लगातार क्षेत्रीय अध्यक्ष रहा। तब गाजियाबाद क्षेत्रीय कार्यालय था। 2003-2009 तक 2 बार विपक्ष में एमएलसी रहा। 1993 में मेरठ खरखौदा सीट से नामांकन किया हालांकि मेरे नामांकन को निरस्त कराकर पार्टी ने रातोंरात कांग्रेस से आए जयपाल सिंह को टिकट दे दिया। लेकिन कभी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। 

इसे भी पढ़ें: मेरठ एसटीएफ को मिली कामयाबी, मुठभेड़ के बाद एक लाख का इनामी डकैत को धरदबोचा 

प्रो. त्यागी ने बताया कि अब पार्टी को छोड़ने का बड़ा कारण पार्टी के मूल्यों में बदलाव होना है। किसानों के मुद्दों को लेकर व्यथित था। किसानों के लिए देश में जो होना चाहिए था वो नहीं हुआ। अभी 8-9 महीने से किसान धरने पर बैठे है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा। समाज में आर्थिक असमानता लगातार बढ़ती जा रही है। पार्टी में और तरह के मुद्दे आ गए हैं। समाज को एकजुट करने के लिए जो सद्भावना होनी चाहिए उसमें कमी आ रही है। भाजपा आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे लोगो की पार्टी रही है वो सब अलग-थलग पड़े हैं। पार्टी में जो विचारधारा लेकर चले थे वो गायब हैं। विकास नीचे तबके से शुरू होना चाहिए 74 साल बाद भी आदमी रिक्शा खींच रहा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़