Yasin Malik का ‘समर्थन’ करने के लिए भाजपा नेता ने महबूबा मुफ्ती की आलोचना की

Mehbooba Mufti
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गुप्ता ने “राष्ट्र-विरोधी और हिंसक तत्वों” से कथित संबंधों को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच की मांग भी की। गुप्ता का यह बयान महबूबा द्वारा यासीन मलिक से जुड़े मामले पर पुनर्विचार किए जाने की मांग करने के बाद आया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कविंदर गुप्ता ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक का ‘समर्थन’ करने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की रविवार को आलोचना की। गुप्ता ने “राष्ट्र-विरोधी और हिंसक तत्वों” से कथित संबंधों को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच की मांग भी की। गुप्ता का यह बयान महबूबा द्वारा यासीन मलिक से जुड़े मामले पर पुनर्विचार किए जाने की मांग करने के बाद आया है।

पीडीपी प्रमुख ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद जेकेएलएफ प्रमुख को मौत की सजा देने के अनुरोध को लेकर अदालत का रुख करने के बाद यह मांग की थी। पीडीपी प्रमुख ने कहा था, “जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के मामले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार जरूर किया जाना चाहिए, क्योंकि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में एक प्रधानमंत्री के हत्यारे की भी सजा माफ कर दी जाती है।” महबूबा की आलोचना करते हुए भाजपा नेता गुप्ता ने कहा कि एनआईए का दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करना सही है, क्योंकि उम्रकैद की सजा काट रहे यासीन मलिक के अपराध “माफ करने लायक नहीं हैं।”

उन्होंने कहा, “महबूबा का असली चेहरा सामने आ गया है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के अब तक के सबसे कुख्यात आतंकवादियों में से एक के लिए उनका ‘समर्थन’ इस बात का सबूत है कि दोनों के बीच कोई न कोई संबंध हो सकते हैं।” गुप्ता ने पूरे मामले की गहन जांच करने और महबूबा के दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि महबूबा और ‘उनके जैसे लोगों’ ने जम्मू-कश्मीर को पतन के कगार पर पहुंचा दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने (पूर्ववर्ती) राज्य की बागडोर संभाली और अनुच्छेद-370 को निरस्त करके तथा विनाशकारी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई करके क्षेत्र में स्थिरता, शांति एवं प्रगति सुनिश्चित की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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