उत्तराखंड चुनाव को लेकर भाजपा ने शुरू की तैयारियां, बुलाई गई बैठक

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अंकित सिंह । Jun 22 2021 12:54PM

बैठक का आयोजन रामनगर में होगा। माना जा रहा है कि इसमें भाजपा के लगभग 40 नेता शिरकत करेंगे। इस बैठक में राज्य कोर कमेटी के सदस्यों के अलावा कैबिनेट मंत्री, पूर्व महासचिव, सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी शामिल होंगे।

अगले साल उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी ने 3 दिन की बैठक बुलाई है जिसमें चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी। सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि हर महीने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तय होंगे। इसके साथ ही कार्यकर्ता अभी से ही चुनाव के काम पर लग जाएंगे। उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के अनुसार 27 से 29 जून तक चुनावी तैयारियों को लेकर एक बैठक बुलाई गई है। बैठक का आयोजन रामनगर में होगा। माना जा रहा है कि इसमें भाजपा के लगभग 40 नेता शिरकत करेंगे। इस बैठक में राज्य कोर कमेटी के सदस्यों के अलावा कैबिनेट मंत्री, पूर्व महासचिव, सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी शामिल होंगे। 

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दूसरी ओर कांग्रेस में इस बात की भी चर्चा है कि इस बैठक के बाद उत्तराखंड में भाजपा एक बार फिर से मुख्यमंत्री बदल सकती है। इसके पीछे का तर्क यह दिया जा रहा है कि तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल 9 सितंबर को खत्म हो जाना है। अगर उस समय तक वह विधायक नहीं बन पाए तो संविधान के मुताबिक वह मुख्यमंत्री नहीं रख सकते हैं। नियमों के मुताबिक उन्हें 6 महीने के भीतर ही सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है। चुनाव अगले साल मार्च में होने हैं। ऐसे में उपचुनाव मुश्किल ही है। दूसरी ओर भाजपा का तर्क यह है कि ऐसे भी कई उदाहरण हमारे सामने हैं जहां चुनाव से पहले उपचुनाव हुए हैं।

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उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि तय समय के भीतर ही मुख्यमंत्री विधायक बन जाएंगे। सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि गंगोत्री सीट से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को चुनाव लड़ाने की तैयारी में भाजपा है। वर्तमान में देखे तो राज्य में 2 सीटें खाली है। एक गंगोत्री जबकि दूसरी है हल्द्वानी। भाजपा नेता का दावा है कि 27 जून से हो रही तीन दिवसीय बैठक के बाद इन मसलों पर चर्चा होगी। वर्तमान में देखें तो उत्तराखंड में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती सत्ता में दोबारा लौटना है। इतिहास देखें तो यहां सत्ता बदलती रहती है। ऐसे में क्या इस बार भाजपा इतिहास बनाने में कामयाब हो पाएगी यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल भाजपा गुटबाजी से जूझ रही है। पार्टी की नाराजगी को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री तक बदला गया।

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