वैज्ञानिकों की सराहना में एक शब्द नहीं बोलने को लेकर भाजपा ने राहुल पर साधा निशाना

Rahul

आलोचकों का आड़े हाथों लेते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा कि जिन लोगों ने टीकाकरण को लेकर भारत की क्षमता पर सवाल उठाए और गलत धारणाएं फैलाई, उन्हें अपने संदेह का टीकाकरण कराना चाहिए।

नयी दिल्ली। भाजपा नेताओं ने कोविड-19 टीकाकरण के सरकार के प्रयासों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सवाल उठाने और टीकाकरण अभियान की शुरुआत के मौके पर वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सराहना में एक भी शब्द नहीं बोलने को लेकर शनिवार को उनपर निशाना साधा। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी ने कोविड-19 टीकाकरण को लेकर सरकार के प्रयासों पर सवाल उठाए, लेकिन भारत में बने दो टीकों को मोदी प्रशासन द्वारा मंजूरी देने के बाद आज जब भारत ने सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की तो उनका (राहुल का) एक भी ट्वीट नहीं आया। भारतीय वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना में एक शब्द तक नहीं?’’ 

मालवीय ने टीके को लेकर सरकार की आलोचना वाले राहुल गांधी के ट्वीट भी साझा किया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कोविड-19 के खिलाफ भारत में विश्‍व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और देश को आश्वस्त किया कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भारत में बने टीकों के प्रभावों से संतुष्‍ट होने के बाद ही इनके उपयोग की अनुमति दी है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे अफवाहों और टीके के बारे में भ्रामक प्रचार से गुमराह न हों। अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यही टीके अब भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ‘‘निर्णायक जीत’’ दिलाएंगे। 

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प्रधानमंत्री ने जनता से आग्रह किया कि जिस तरह धैर्य के साथ उन्होंने कोरोना वायरस का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य अब टीकाकरण के समय भी दिखाना है। गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेशविकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल के लिये भारत के औषधि नियामक ने हाल ही में मंजूरी दी थी। आलोचकों का आड़े हाथों लेते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा कि जिन लोगों ने टीकाकरण को लेकर भारत की क्षमता पर सवाल उठाए और गलत धारणाएं फैलाई, उन्हें अपने संदेह का टीकाकरण कराना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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