हिरासत में दलित की मौत की सीबीआई जांच होः पुनिया
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन पीएल पुनिया ने मांग की है कि दो दिन पहले पुलिस हिरासत में हुई दलित युवक की मौत मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिये।
कानपुर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन पीएल पुनिया ने मांग की है कि दो दिन पहले पुलिस हिरासत में हुई दलित युवक की मौत में निलंबित किये गये सभी 15 पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाये तथा परिवार वालों की मांग पर हिरासत में मौत के इस मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिये। एससी आयोग के चेयरमैन पीएल पुनिया आज सुबह कानपुर पहुंचे और पुलिस हिरासत में संदिग्ध रूप से मारे गये कमल वाल्मीकि के परिजनों से मिलने श्याम नगर स्थित उसके घर पहुंचे। कमल के परिजनों से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुनिया ने कहा कि कमल के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने उसे बुरी तरह से लोहे की राड से पीटा और करंट लगाया तथा उसकी मृत्यु हो जाने के बाद उसे फंदे पर लटका कर फांसी का रूप दिया गया।
उन्होंने दावा किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कमल की मौत पिटाई से होने की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि कमल के परिवार वालों की मांग है कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाये इसलिये आयोग भी प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करता है कि वह पुलिस हिरासत में मारे गये इस दलित युवक के मामले की जांच सीबीआई से कराये। इसके साथ ही इस मामले में निलंबित सभी 15 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफतार किया जाये। साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी इन सभी 15 पुलिसकर्मियों को तत्काल बर्खास्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। पुनिया ने कहा कि इस मामले में पुलिस के मुखबिरों की भूमिका भी काफी संदिग्ध है। पुलिस उनको भी गिरफतार कर उनसे पूछताछ करे। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि कमल के परिवार को आर्थिक सहायता तथा उसके परिवार को रहने के लिये एक घर दिया जायें। इसके अलावा उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये।
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