CBSE Class 10th Board Exams | सीबीएसई ने लिया बड़ा फैसला, 2026 से साल में 2 बार होंगी 10वीं बोर्ड परीक्षा

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रेनू तिवारी । Jun 25 2025 4:51PM

अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मई में होने वाला दूसरा चरण उन छात्रों के लिए वैकल्पिक होगा जो अपना प्रदर्शन सुधारना चाहते हैं।

सीबीएसई कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में 2026 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसके तहत छात्र एक ही शैक्षणिक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे। इस कदम का उद्देश्य "उच्च दांव" पहलू को कम करना, परीक्षा के दबाव को कम करना और छात्रों को पूरे साल इंतजार किए बिना अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने का मौका देना है। नई योजना के तहत, प्रत्येक छात्र को फरवरी के मध्य में होने वाली पहली परीक्षा में शामिल होना होगा, जबकि अपने अंकों में सुधार करने या तीन विषयों में कम अंक पाने वाले छात्र मई में होने वाली दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

फरवरी में होने वाले पहले चरण की परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मई में होने वाला दूसरा चरण उन छात्रों के लिए वैकल्पिक होगा जो अपना प्रदर्शन सुधारना चाहते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं कक्षा के लिए वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के मानदंडों को मंजूरी दे दी है, जिसकी नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में अनुशंसा की गई है।

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दूसरा चरण मई में आयोजित किया जाएगा

 सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘पहला चरण फरवरी में और दूसरा मई में आयोजित किया जाएगा। दोनों चरणों के परिणाम क्रमशः अप्रैल और जून में घोषित किए जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों के लिए पहले चरण में शामिल होना अनिवार्य होगा, जबकि दूसरा चरण वैकल्पिक होगा। छात्रों को विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से किसी भी तीन विषयों में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने का मौका मिल सकेगा।’’

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सीबीएसई ने फरवरी में मसौदा मानदंडों की घोषणा की 

 तय मानदंडों के अनुसार, शीतकाल में बंद रहने वाले स्कूलों के दसवीं कक्षा के छात्रों को किसी भी चरण में उपस्थित होने का विकल्प मिलेगा। इसके अनुसार, शैक्षणिक सत्र के दौरान आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार किया जाएगा। सीबीएसई ने फरवरी में मसौदा मानदंडों की घोषणा की थी और हितधारकों की प्रतिक्रिया मांगी गई थी। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के मुताबिक, बोर्ड परीक्षाओं की ‘‘उच्च अपेक्षा’’ वाले पहलू को खत्म करने के लिए सभी छात्रों को किसी भी शैक्षणिक वर्ष के दौरान दो मौकों पर परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।

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