प्रवासी श्रमिकों को राहत के लिए ठोस नीति बनाने में नाकाम रही केंद्र सरकार: पायलट

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पायलट सचिन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश की सीमा पर भेजी गई सैकड़ों बसों तथा हजारों की संख्या में खड़े प्रवासी श्रमिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं देकर उत्तर प्रदेश सरकार नकारात्मक राजनीति का परिचय दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को अपने घरों पर पहुँचने से वंचित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को राहत देने के लिए कोई ठोस नीति बनाने में नाकाम रही है। पायलट सचिन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश की सीमा पर भेजी गई सैकड़ों बसों तथा हजारों की संख्या में खड़े प्रवासी श्रमिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं देकर उत्तर प्रदेश सरकार नकारात्मक राजनीति का परिचय दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को अपने घरों पर पहुँचने से वंचित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पायलट ने कहा कि यह समय प्रवासी श्रमिकों के प्रति अपने उत्तरदायित्व एवं उनके प्रति संवेदनशीलता रखते हुए उनकी पीड़ा को समझने का है। वर्तमान परिस्थिति के चलते प्रवासी श्रमिक बहुत परेशानी में हैं और इनके दु:ख-दर्द को साझा करना हम सभी का सामाजिक दायित्व हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को अपने-अपने राज्यों में पहुँचाने तथा उनको राहत देने के लिए केन्द्र सरकार कोई ठोस नीति बनाने में नाकाम रही है। 

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पायलट ने यहां जयपुर के 200 फीट बाईपास, अजमेर रोड स्थित कमला देवी बुधिया स्कूल, हीरापुरा में संचालित प्रवासी श्रमिक शिविर पहुँचकर प्रवासी श्रमिकों से मुलाकात की तथा उनके परेशानियों को साझा किया। इस अवसर पर परिवहन मंत्री व जयपुर शहर जिलाध्यक्षप्रतापसिंह खाचरियावास भी उनके साथ थे। पायलट ने प्रवासी श्रमिको के शिविर पहुँचकर उन्हें खाद्य सामग्री, बिस्किट्स के पैकेट, पानी की बोतल, फुटवियर आदि उपलब्ध करायें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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