छत्तीसगढ़ कांग्रेस विवाद: फिर दिल्ली पहुंचेंगे बघेल, हाई कमान के साथ मुलाकात की संभावना

Baghel

कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिल्ली में होंगे, हालांकि विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया गया है और इससे संबंधित खबरें निराधार हैं।

नयी दिल्ली/रायपुर। कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में चल रही रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगे और उनकी पार्टी नेतृत्व के साथ मुलाकात की संभावना है। कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिल्ली में होंगे, हालांकि विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया गया है और इससे संबंधित खबरें निराधार हैं। सूत्रों ने बताया कि बघेल के समर्थक कहे जाने वाले कई विधायक बृहस्पतिवार रात दिल्ली पहुंचे हैं और कुछ विधायक शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंच सकते हैं।

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सूत्रों का कहना है कि बघेल कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच चल चल रहे टकराव की स्थिति को देखते हुए विधायकों का दिल्ली पहुंचने को लेकर यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री का कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने के प्रयास हैं, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी की कोई बात नहीं है। बघेल के समर्थक विधायक देवेंद्र यादव ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में हम छत्तीसगढ की जनता की सेवा कर रहे हैं। हम आलाकमान से बात करेंगे। सभी विधायक एकजुट हैं।’’ दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, ‘‘आलाकमान ने किसी कांग्रेस विधायक को दिल्ली नही बुलाया है। प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा है कि किसी विधायक को दिल्ली नहीं बुलाया गया। विधायक आलाकमान के निर्देशों का पालन करें और अनुशासन में रहें।’’

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पिछले दिनों बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर लौटने पर बघेल ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई—ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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