आईएनएक्स मीडिया केस: चिदंबरम को बड़ा झटका, आत्मसमर्पण संबंधी याचिका खारिज
पांच सितंबर को चिदंबरम को सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में 19 सितंबर तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उसी दिन अदालत ने धनशोधन मामले में आत्मसमर्पण करने की चिदंबरम की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की धन शोधन मामले में आत्मसमर्पण करने के अनुरोध वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। उनकी याचिका विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने खारिज की।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बृहस्पतिवार को बताया था कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी जरूरी है और उचित समय आने पर ऐसा किया जाएगा। चिदंबरम के वकील ने कहा था कि ईडी की दलील दुर्भावनापूर्ण है और उसकी मंशा चिदंबरम को परेशान करने की है। चिदंबरम (73) आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। ईडी ने अदालत को बताया कि क्योंकि चिदंबरम पहले से ही सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं हैं।
Delhi Court dismisses Congress leader P. Chidambaram's surrender application. Chidambaram had moved an application to surrender to Enforcement Directorate in INX media case. He is currently lodged in Tihar Jail under judicial custody, in CBI case pic.twitter.com/AiYANoCEil
— ANI (@ANI) September 13, 2019
चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी कांग्रेस नेता को गिरफ्तार करने 20 और 21 अगस्त को उनके घर पहुंची थी लेकिन अब वह उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने के लिए ऐसा करना चाहती है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया था कि उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करने से पहले कुछ पहलुओं की जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि एजेंसी चिदंबरम से हिरासत में सवाल पूछने से पहले छह अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहती है और वह धनशोधन के ऐसे मामले की जांच कर रही है, जो देश के बाहर तक फैला हुआ है। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी जांच को निर्देशित नहीं कर सकता और उन्हें अभी हिरासत में लेने का आदेश देना जांच एजेंसी की कार्य-स्वतंत्रता को बाधित करेगा। मेहता ने कहा कि 21 अगस्त से पहले यह मानने का कारण था कि उनको गिरफ्तार करने की जरूरत है और ऐसा आज भी है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद वे उनका सामना जुटाए गए साक्ष्यों से करना चाहेंगे।
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पांच सितंबर को चिदंबरम को सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में 19 सितंबर तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उसी दिन अदालत ने धनशोधन मामले में आत्मसमर्पण करने की चिदंबरम की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने अग्रिम जमानत देने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के आदेश के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि की प्राप्ति के लिए एफआईपीबी की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे। बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इस संबंध में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया।
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