लोकसभा में बोले राजनाथ सिंह, LAC को लेकर भारत और चीन की धारणा अलग-अलग

Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि मैंने उनके साहस शौर्य और पराक्रम को महसूस भी किया था। आप जानते हैं कर्नल संतोष ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

नयी दिल्ली। भारत चीन सीमा तनाव के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर हमारे जवानों से मुलाकात की। उन्होंने यह संदेश भी दिया था कि वह हमारे वीर जवानों के साथ खड़े हैं। मैंने भी लद्दाख जाकर अपने यूनिट के साथ समय बिताया था और उनका हौसला बढ़ाया था।

उन्होंने आगे कहा कि मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि मैंने उनके साहस शौर्य और पराक्रम को महसूस भी किया था। आप जानते हैं कर्नल संतोष ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। 

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राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन मानता है कि ट्रैडिशनल लाइन के बारे में दोनों देशों की अलग-अलग व्याख्या है। दोनों देश 1950-60 के दशक में इस पर बात कर रहे थे लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया।

उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की करीब 38,000 स्क्वायर किलोमीटर की भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान ने चीन को पीओके की 5180 स्क्वायर किलोमीटर की भारतीय जमीन को चीन को सौंप दिया था। यह एक बड़ा मुद्दा है और इसका हल शांतिपूर्ण और बातचीत से निकाला जाना चाहिए। 

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उन्होंने आगे कहा कि यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड LAC नहीं है और LAC को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों को शांति बनाए रखना चाहिए और चीन भी यही चाहता है लेकिन 29-30 अगस्त की रात्रि में फिर से चीन ने पैंगॉन्ग में घुसने का प्रयास किया मगर हमारे जवानों ने उनका प्रयास विफल कर दिया। मैं इस सदन को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं और हमारे जवान मातृभूमि की रक्षा में डटे हुए हैं। 

यहां सुने पूरा संबोधन: 

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